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मंगलवार, फ़रवरी 11, 2025
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किसान इन दवाओं से करें गेहूं फसल में लगी खरपतवारों का नियंत्रण

गेहूं की फसल के साथ ही उसमें कई तरह की घास और पौधे जैसे वन गेहूं, जंगली जई, आरी घास, बथुआ, मोथा, प्याजी आदि लग जाते हैं। जिससे गेहूं की फसल की वृद्धि एवं उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में किसान इन खरपतवारों की पहचान कर उन्हें विभिन्न शाकनाशी रसायनों के छिड़काव से खत्म कर सकते हैं। जिसको देखते हुए बिहार कृषि विभाग द्वारा खरपतवारों के नियंत्रण के लिए विशेष सलाह जारी की गई है।

सकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए करें इस दवा का छिड़काव

किसान वन गेहूं, जंगली जई, आरी घास आदि सकरी पत्ती वाली खरपतवार को नष्ट करने के लिए सल्फोराल्फ़्यूरान 75 प्रतिशत डब्लू.जी. दवा का छिड़काव कर सकते हैं। इसका 13.5 ग्राम 6 लीटर पानी में 500 मिलीलीटर के सरफेक्टेन्ट को घोलकर प्रति एकड़ 120-200 लीटर पानी में मिलाकर बुआई के 30-35 दिनों के बाद छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा किसान क्लोडिनाफॉप प्रोपरजिल 15 प्रतिशत डब्लू.पी. का 160 ग्राम प्रति एकड़ निर्धारित पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।

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गेहूं में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार के लिए दवा

यदि खेत में गेहूं के साथ बथुआ, प्याजी, तीन पत्तियाँ, कृष्णनील आदि चौड़ी पत्ती वाली खरपतवार लग गए हैं तो किसान इनके नियंत्रण के लिए मेटसल्फ़्यूरान मिथाइल 20 प्रतिशत डब्यू.पी. दवा का छिड़काव कर सकते हैं। इसके लिए किसान खेत में 8 ग्राम 6 लीटर पानी में 200 मिलीलीटर के सरफेक्टेन्ट को घोलकर 120-200 लीटर पानी में मिलाकर बुआई के 25-35 दिनों के बाद प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए।

वहीं वन गेहूं एवं अन्य चौड़ी पत्ती वाली खरपतवार के नियंत्रण के लिए किसान सल्फोसल्पयूरॉन मिथाइल 75 प्रतिशत + मेटसल्फ्युरान मिथाइल 5 प्रतिशत डब्लयूजी खरपतवारनाशी का छिड़काव कर सकते हैं। इसकी 16 ग्राम मात्रा में 500 मिली के सरफेक्टेन्ट को घोलकर प्रति एकड़ निर्धारित पानी में घोल मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।

इसके अलावा चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए 2,4 डी इथाईल ईस्टर 38 प्रतिशत ईसी दवा का भी छिड़काव कर सकते हैं। इसका 0-5 लेटर प्रति एकड़ निर्धारित पानी में घोल में गेहूं की बुआई के 30-35 दिनों के बाद छिड़काव करना चाहिए।

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दवाओं के छिड़काव के समय किसान इन बातों का रखें ध्यान

किसानों को रासायनिक दवा का छिड़काव साफ मौसम में ही करना चाहिए। छिड़काव यंत्र में कट नोजल या फ्लड जेट नोजल या फ्लैट फैन नोजल का इस्तेमाल करना चाहिए। छिड़काव के बाद उस दिन खेत में मानव या पशु गतिविधि या अन्य कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए। तेज हवा में अथवा विशेषतः हवा की विपरीत दिशा में छिड़काव नहीं करना चाहिए तथा छिड़काव के समय आंख, मुंह, हाथ एवं नाक की सुरक्षा हेतु सुरक्षात्मक कवच तथा फेस मास्क एवं पैर में जूते का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

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