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किसान इस तरह करें गन्ने की फसल में ब्लैक बग या काला चिकटा कीट का नियंत्रण

इस समय गन्ने की फसल में कई स्थानों पर ब्लैक बग या काला चिकटा कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। जिसको देखते हुए गन्ना एवं चीनी विभाग द्वारा किसानों को ब्लैक बग के नियंत्रण हेतु एडवाइजरी जारी की गई है।

अभी के मौसम में कई स्थानों पर गन्ने की फसल पर ब्लैक बग या काला चिकटा कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है। ऐसे में किसान समय पर इस कीट का नियंत्रण कर अपनी फसल को नुकसान से बचा सकें इसके लिए गन्ना एवं चीनी विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया की प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गन्ने की फसल में कीट एवं रोग संबंधी समस्याओं के नियंत्रण हेतु वैज्ञानिकों की टीम से स्थानीय निरीक्षण कर गन्ना क्षेत्रों का आंकलन कराया गया है।

जिसमें गन्ने की फसल में ब्लैक बग या काला चिकटा का संक्रमण देखा जा रहा है। कई खेतों में ब्लैक बग के साथ-साथ पायरिला भी देखा गया है। जिसको देखते हुए गन्ना शोध परिषद द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार किसानों, विभागीय अधिकारियों एवं चीनी मिलों को ब्लैक बग के नियंत्रण हेतु एडवाइजरी जारी की गई है।

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ब्लैक बग या काला चिकटा कीट की पहचान

गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने बताया कि काला चिकटा एक चुसक कीट है। इसका प्रकोप अधिक तापमान व शुष्क मौसम में सामान्यतः अप्रैल महीने से जून महीने के दौरान होता है। इसका प्रकोप पेड़ी गन्ना में अधिक जबकि पौधा फसल में कम दिखाई देता है। रोगों से प्रभावित गन्ने की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं तथा उन पर कत्थई रंग के धब्बे पाये जाते हैं। इसके शिशु पत्रकुंचक एवं गन्ने के गोफ के मध्य में पाए जाते हैं। पौढ़ तथा शिशु कीट दोनों पत्तियों का रस चूसते हैं, जिससे गन्ने की बढ़वार रुक जाती है और अधिक प्रभावित पत्तियों में छिद्र हो जाते है।

किसान इस तरह करें ब्लैक बग का नियंत्रण

गन्ना किसान ब्लैक बग कीट से प्रभावित गन्ने में पताई तथा ठूठों को गन्ना कटाई के बाद नष्ट कर दें। खेत की सिंचाई करने से काला चिकटा कीट का प्रभाव कम हो जाता है। अत्याधिक प्रकोप की दशा में इसके रासायनिक नियंत्रण हेतु प्रोफेनोफ़ॉस 40 प्रतिशत व साइपरमेंथरिन 4 प्रतिशत ई.सी. 750 मिली, इमिडक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल. दर 200 मिली अथवा क्वीनालफ़ॉस 25 प्रतिशत ई.सी. दर 825 मिली अथवा क्लोरोपायरीफ़ॉस 20 ई.सी. 800 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से 625 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। जहाँ ब्लैक बग का प्रभाव कम हो और पायरिला का प्रकोप अधिक दिख रहा हो तथा उसके साथ जैव परजीवी भी दिखाई दे रहे हों, वहां रासायनिक नियंत्रण की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन ब्लैक बग का कोई परजीवी नहीं होने के कारण अधिक संख्या में होने की दशा में रासायनिक नियंत्रण आवश्यक है।

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