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गुरूवार, जुलाई 17, 2025
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झींगा पालन के लिए किसानों को दी जाए 25 लाख रुपए की सब्सिडी: कृषि मंत्री

कृषि एवं किसान कल्याण तथा मत्स्य मंत्री ने कहा कि झींगा मछली पालन के लिए सब्सिडी को 14 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर किया जाए और सोलर सिस्टम व तालाब सुधार को भी इस स्कीम में शामिल किया जाए।

किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए सरकार द्वारा पशुपालन के साथ ही मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश के इंदौर में अंतर्देशीय मात्स्यिकी और जल कृषि सम्मलेन 2025 का आयोजन किया गया। सम्मेलन में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण तथा मत्स्य मंत्री श्याम सिंह राणा ने राज्य में मछली पालन के लिए किए जा रहे कामों के बारे में बताया साथ ही उन्होंने झींगा मछली पालन के लिए सब्सिडी बढ़ाने का भी अनुरोध किया।

मत्स्य मंत्री श्याम सिंह राणा ने कार्यक्रम में बताया कि हरियाणा में लोगों का मत्स्य पालन की तरफ रुझान तेजी से बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में खारे पानी वाली राज्य की करीब 5900 एकड़ भूमि को झींगा और मत्स्य पालन के लिए उपयोग में लाया जा रहा है जबकि वर्ष 2014-15 में मात्र 70 एकड़ में मछली पालन होता था।

मछली उत्पादन में बना दूसरा राज्य

कृषि एवं मत्स्य मंत्री ने कहा कि हरियाणा कृषि के साथ-साथ मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी तेजी से उभरता हुआ राज्य बन गया है। मत्स्य पालन प्रदेश में न केवल रोजगार का साधन बन रहा है, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। हरियाणा देश के इनलैंड (भूमि से घिरे) राज्यों में मछली उत्पादन के मामले में प्रति हेक्टेयर दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के अधिक से अधिक जल क्षेत्रों को मछली पालन के अंतर्गत लाना, प्राकृतिक जल स्रोतों में मछलियों का संरक्षण करना, किसानों को उच्च गुणवत्ता का बीज व तकनीकी सहायता देना और मछली विपणन व्यवस्था को मजबूत कर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है।

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किसानों को दी गई 203 करोड़ रुपए की सब्सिडी

मत्स्य मंत्री ने सम्मेलन में जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत हरियाणा में अब तक 2719 लाभार्थियों को 203 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है। राज्य की करीब 5900 एकड़ खारे पानी वाली भूमि को झींगा और मत्स्य पालन के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। वर्ष 2014-15 में 70 एकड़ में शुरू हुए सफेद झींगा पालन को अब 15 जिलों में किसानों द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में 5,900 एकड़ में झींगा पालन कर 15,468 टन उत्पादन हुआ।

कृषि मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024-25 में 52,392 एकड़ भूमि मत्स्य पालन के अंतर्गत लाई गई, जिससे 2.16 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन हुआ। उन्होंने बताया कि सरकार ने भी मछली पालन के लिए बजट में बढ़ोतरी की है। चालू वित्त वर्ष में मत्स्य विभाग का बजट 214.76 करोड़ रुपए हो गया है।

झींगा पालन के लिए दी जाए 25 लाख रुपए की सब्सिडी

मत्स्य मंत्री ने जानकारी दी कि सरकार ने सौर ऊर्जा सब्सिडी की सीमा 10 किलोवाट से बढ़ाकर 30 किलोवाट कर दी है, जिसमें 9 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। अमृत सरोवर योजना के तहत 2244 तालाबों में से 444 तालाबों की नीलामी हो चुकी है, जिन्हें मत्स्य पालन के लिए उपयोग में लाया जाएगा। तीन मोबाइल जल परीक्षण वैन किसानों को उनके तालाबों पर जांच सुविधा हेतु दी जाएगी।

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उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि झींगा पालन के लिए सब्सिडी को 14 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की जाए और सोलर सिस्टम व तालाब सुधार को भी इस स्कीम में शामिल किया जाए, ताकि किसान लाभान्वित हो सकें और उनकी आय दोगुनी हो।

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