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निजी नलकूप हेतु बोरिंग और पम्प सेट पर अनुदान के लिए किसान 15 जनवरी तक करें आवेदन

किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। इसमें किसानों को सिंचाई के साधन विकसित करने के साथ ही सिंचाई यंत्रों पर भी अनुदान दिया जाता है। इस कड़ी में बिहार सरकार द्वारा सात निश्चय-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत किसानों को निजी नलकूप निर्माण और पम्प सेट की स्थापना के लिए अनुदान दिया जा रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान 15 जनवरी 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

दरअसल बिहार सरकार द्वारा सात निश्चय-2 के अंतर्गत “हर खेत तक सिंचाई का पानी” योजना क्रियान्वित करायी जा रही है। राज्य में असिंचित क्षेत्र में 21,274 स्थलों को चिन्हित किया गया है। इस सर्वेक्षण के उपरान्त निजी नलकूप हेतु 18,747, सामुदायिक नलकूप की मरम्मती हेतु 1646 एवं डगवेल हेतु 881 स्थल चिन्हित किए गये हैं। राज्य में कुल 30,000 नए नलकूप लगाने का प्रस्ताव है।

बोरिंग के लिए कितना अनुदान मिलेगा?

बिहार सरकार द्वारा निजी नलकूप हेतु बोरिंग के लिए 50 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें लघु जल संसाधन विभाग द्वारा बोरिंग की लागत 1200 रुपये प्रति मीटर तय की गई है। जिस पर सामान्य वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत यानि की 600 रुपये प्रति मीटर, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के किसानों को 60 प्रतिशत यानि की 840 रुपये प्रति मीटर एवं अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को 80 प्रतिशत यानि की 960 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत किसानों को मध्यम गहराई के 70 मीटर तक के निजी नलकूपों पर अनुदान का लाभ दिया जाएगा। इसमें किसानों को 4 से 6 इंच व्यास का कम (शैलों) एवं मध्यम गहराई का नलकूप निर्माण करवाना होगा।

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पम्प सेट पर कितना अनुदान मिलेगा?

योजना के अंतर्गत किसानों को निजी नलकूप के साथ ही मोटर पम्प पर भी अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें लाभार्थियों को 2 से 5 हॉर्स पॉवर का सबमर्सिबल मोटर पम्प एवं सेंट्रीफ्यूगल मोटर पम्प पर अनुदान दिया जाएगा। दोनों ही तरह की मोटर पर सामान्य वर्ग के किसानों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के किसानों को 70 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 80 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा।

योजना का लाभ लेने के लिए महत्वपूर्ण शर्तें

  • लाभार्थी किसानों को 4-6 इंच व्यास वाले और 15 से 70 मीटर की गहराई वाले निजी नलकूप पर अनुदान मिलेगा।
  • योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास स्वयं की कृषि योग्य भूमि होना चाहिए।
  • अनुदान राशि का भुगतान दो चरणों में आधार लिंक बैंक खाते में सीधे किया जाएगा।
  • एक किसान को योजना के तहत एक ही बार अनुदान का लाभ दिया जाएगा।
  • केंद्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा चिन्हित अतिदोहित व संकटपूर्ण प्रखंडों में योजना लागू नहीं की गई है।
  • किसान के पास कम से कम 0.40 एकड़ यानि की 40 डिसमिल भूमि होनी चाहिए।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड,
  • जाति प्रमाण पत्र,
  • भू-धारकता प्रमाण पत्र (किसानों को स्वयं के नाम से भू-धारकता प्रमाण पत्र नहीं होने की स्थिति में परिवार के मुखिया के नाम से निर्गत भू-धारकता प्रमाण पत्र के साथ ही सरपंच द्वारा निर्गत पारिवारिक सूची के आधार पर आवेदन मान्य किया जाएगा। एक भू-धारकता प्रमाण पत्र पर एक बार ही अनुदान का लाभ मिलेगा)
  • आवेदक का फोटो।
  • निजी नलकूप स्थल का फोटो।
  • उक्त स्थल पर पहले से बोरिंग नहीं हो तथा उक्त स्थल पर बोरिंग हेतु पूर्व में कृषि विभाग से अनुदान या अन्य संस्था/ विभाग से वित्तीय सहायता न ली हो। इस संदर्भ में आवश्यक घोषणा पत्र किसान को देना होगा।
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नलकूप हेतु बोरिंग एवं पम्प सेट पर अनुदान हेतु आवेदन कहाँ करें?

हर खेत तक सिंचाई का पानी के तहत निजी नलकूप योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। इच्छुक किसान 15 जनवरी 2025 तक योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसान वांछित दस्तावेज के साथ विभागीय पोर्टल mwrd.bih.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना से जुड़ी संपूर्ण जानकारी किसान विभागीय पोर्टल पर देख सकते हैं। इसके अलावा किसान विभागीय कॉल सेंटर 0612-2215605/06 पर कॉल कर सकते हैं।

विभाग द्वारा चिह्नित स्थल पर ही किसानों को बोरिंग करवाना होगा। स्वीकृति के बाद 60 दिनों के अंदर किसान को बोरिंग गाड़ कर अनुदान दावा पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। निर्धारित अवधि के अंदर नलकूप नहीं होने ओर आवेदक को पोर्टल पर स्पष्ट कारण अंकित करते हुए इसकी सूचना विभाग को देनी होगी। अन्यथा आवेदन स्वतः ही रद्द माना जाएगा। निर्माण सामग्री का क्रय किसान अपनी स्वेच्छा से करेंगे परंतु सामग्रियों की विशिष्ट भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप एवं सामग्रियों का देश में निर्मित होना आवश्यक होगा।

नलकूप हेतु बोरिंग एवं पम्प सेट पर अनुदान हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

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10 टिप्पणी

    • सर अभी एमपी में यह योजना नहीं है। एमपी में खेत में तालाब निर्माण के लिए अनुदान दिया जाता है जब उसके लिए आवेदन होंगे तब आवेदन करें।

  1. 8-10 घंटे में 14 वॉट ट्रिप मारते हैं तब कहीं बिजली मिलती है कभी ऐसा लाइन खराब हो जाती है कभी डीपी ख़राब हो जाती है किसान स्वयं अपने खर्चे से उसकी सुधरवाता है या लाइनमैन को बुलवाता है तो उसको हमेशा खर्चा देना पड़ता है तब कहीं वह सुधार कर जाता है और सुधरता भी ऐसी है कि फिर वापस डबल से खराब हो जाए ऐसी स्थिति में किसान अपना गुजारा कर रहा है मैं खुद किसान हूं और मैं मुक्त होगी अभी भी 440 वाट की जगह 50 और 100 का करंट आता है कैसे मोटर चलेंगे

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