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इन 16 जिलों के किसान अब MSP पर धान बेचने के लिए 6 नवम्बर तक करा सकेंगे पंजीयन

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि की MSP पर धान बेचने के लिए पंजीयन से शेष रह गए किसान अब 6 नवंबर 2025 तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। इसके लिए सरकार ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि की MSP पर धान बेचने के लिए जो किसान अभी तक अपना पंजीयन नहीं करा पाए हैं उन किसानों के लिए राहत भरी खबर है है। मध्य प्रदेश सरकार ने धान उपार्जन के लिए बचे हुए किसानों के लिए पंजीयन अवधि को बढ़ाकर 6 नवम्बर 2025 तक कर दिया है। यह निर्णय खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की विशेष पहल पर लिया गया है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री ने बताया कि इस संबंध में सभी संबंधित जिलों के कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के अनुसार डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सतना, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनूपपुर, दमोह, सिवनी, मैहर, उमरिया, जबलपुर, सीधी, अलीराजपुर, बैतूल और पन्ना जिलों में अब शेष किसानों का पंजीयन निर्धारित नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाएगा।

इस कारण से बढ़ाई गई पंजीयन की अवधि

सरकार के मुताबिक प्रदेश के कई जिलों से यह सुझाव प्राप्त हुए थे कि तकनीकी कारणों, समयाभाव या मौसम की बाधाओं के चलते कुछ किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं करा पाए हैं। कलेक्टरों द्वारा भेजे गए इन प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करते हुए सरकार ने कृषक पंजीयन की अवधि में विस्तार का निर्णय लिया है ताकि कोई भी पात्र किसान सरकारी खरीदी से वंचित न रह जाए।

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पंजीयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

खाद्य संचालनालय द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि, प्रत्येक पंजीयन केन्द्र पर खाद्य, सहकारिता, राजस्व एवं कृषि विभाग के नोडल अधिकारी की उपस्थिति में ही बचे हुए किसानों का पंजीयन किया जाएगा। केन्द्रवार केवल उन शेष किसानों का ही पंजीयन होगा, जिनके नाम जिला प्रस्ताव में उल्लेखित हैं। किसान पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद ही पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि 6 नवंबर तक शेष रहे किसानों का पंजीयन हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए।

किसानों को मिले उनकी मेहनत का मूल्य

खाद्य मंत्री ने कहा कि, मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में हमारी सरकार किसानों के हर वर्ग तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी किसान समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने से वंचित न रह जाए, यह हमारा दायित्व है। इसीलिए पंजीयन अवधि बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। खरीफ उपार्जन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी एवं सुगम बनाया जा रहा है ताकि किसान को मंडियों में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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सरकार के इस फैसले से उन किसानों को राहत मिलेगी, जो अभी तक पंजीयन नहीं करा पाए थे। अब वे 6 नवंबर तक अपने नजदीकी पंजीयन केन्द्रों पर जाकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ पंजीयन करा सकते हैं।

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