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बुधवार, नवम्बर 5, 2025
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यूपी के इन 12 जिलों के किसानों को मिलेगा पीएम धन-धान्य योजना का लाभ

प्रधानमंत्री धन धान्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 12 जिलों का चयन किया गया है। वहीं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत अरहर, उड़द, मसूर, चना, मटर और मूंग के लिए क्लस्टर आधारित कार्य-योजना तैयार की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 11 अक्टूबर के दिन नई दिल्ली से 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की कृषि परियोजनाओं प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही कृषि निदेशालय मदन मोहन मालवीय मार्ग, लखनऊ के ऑडिटोरियम में वर्चुअली उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने किसानों के सम्मान और आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में राज्य के योगदान की सराहना की।

इस अवसर पर देशभर के 10,000 एफपीओ से जुड़े 50 लाख किसानों को सम्मानित किया गया, जिनमें 1,100 एफपीओ का वार्षिक कारोबार 1 करोड़ रुपये से अधिक है। साथ ही राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के तहत 50,000 से अधिक किसानों के सफल प्रमाणीकरण भी किए गए। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पीएम धन धान्य कृषि योजना राज्य स्तरीय कार्यक्रम में लखनऊ जनपद के 15 कृषकों का सम्मान करते हुए मिनीकिट तिलहन तथा फसल बीमा योजना के लाभान्वित किसानों के साथ जैविक खेती करने वाले 5 किसानों को प्रमाण-पत्र भी दिए गए।

कृषि मंत्री ने दी 17 योजनाओं की जानकारी

इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने धन-धान्य कृषि योजना के साथ-साथ पीएम किसान योजना, फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती मिशन, पर ड्रॉप मोर क्रॉप के अतिरिक्त 17 योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों तथा अन्नदाता किसानों से अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ की गई योजना को शत प्रतिशत उत्तर प्रदेश साकार करेगा। दलहन मिशन के साथ-साथ तिलहन मिशन के माध्यम से तेल में प्रदेश आत्मनिर्भर बनने के लिए 2047 तक की राणनीति तैयार कर ली है।

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इन 12 जिलों को किया गया है शामिल

प्रधानमंत्री धन धान्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 12 जनपद महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झाँसी, ललितपुर, उन्नाव, प्रयागराज, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और सोनभद्र को चयनित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना, पंचायत एवं ब्लॉक स्तर पर भंडारण सुविधाओं में सुधार, सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करना तथा लघु एवं मध्यम किसानों के लिए ऋण सुविधा सुलभ कराना है।

राज्य में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत 75 जनपदों और 318 विकास खंडों में 1886 क्लस्टरों के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब तक 2.35 लाख कृषक, 3772 कृषि सखी/सीआरपी और 75 बायो रिसोर्स इनपुट सेंटर इस मिशन से जुड़े है। कुल 15019.96 लाख रुपए के वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। मिशन के तहत जागरूकता कार्यक्रम, कृषक प्रशिक्षण, डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन, साहित्य किट वितरण तथा प्राकृतिक प्रमाणीकरण जैसी गतिविधियां संचालित हैं।

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दलहन मिशन के लिए जनपदों का किया गया चयन

वहीं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के अंतर्गत दलहन उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश के 6 प्रमुख दलहनी फसलों अरहर, उड़द, मसूर, चना, मटर और मूंग के लिए क्लस्टर आधारित कार्य-योजना तैयार की गई है। अरहर के लिए 40 जनपद, उड़द के लिए 33, मसूर के लिए 27, चना के लिए 25, मटर के लिए 26 और मूंग के लिए 21 जनपदों का चयन किया गया है। भारत सरकार द्वारा मिशन की गाइड-लाइंस प्राप्त होने के बाद विस्तृत कार्य-योजना तैयार कर शीघ्र लागू की जाएगी।

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