फिर से शुरू हुआ किसान आन्दोलन
सुखा राहत, कर्ज माफ़ी और भूमि अधिकार जैसे मांगो को लेकर महाराष्ट्र के 20,000 किसान ठाणे से मुंबई पदयात्रा कर पहुंचे हैं, आये हुये सभी किसान महारष्ट्र विधानसभा के बहार प्रदर्सन करेंगे | खेती में हो रहे लगातार घाटा तथा किसानों पर बढ़ रहे कृषि लोन को लेकर देश भर के किसान अलग – अलग राज्यों में समय – समय पर आंदोलन कर रहे हैं | पिछले महीने के 2 तारीख को दिल्ली में किसानों का बड़ा आंदोलन हुआ था, तो फिर इस महीने महाराष्ट्र में किसान आंदोलन हो रहा है | यह आंदोलन में शामिल वे लोग हैं जो इसी वर्ष 8 महीने हुये आंदोलन का भी हिस्सा थे | उस समय किसान आंदोलन नासिक से शुरू होकर मुंबई पहुचे थे | लेकिन राज्य सरकार के द्वारा मांगों को पूरा नहीं करने के कारण फिर से मुंबई पहुंचे हैं |
आंदोलन में शामिल सभी किसान बुधवार को ठाणे से मुंबई का दो दिवसीय मार्च शुरू करने वाले किसानों और आदिवासियों ने बुधवार रात मुंबई के सायन इलाके के सोमैया मैदान में गुजारी | गुरुवार सुबह वे वहां से दादर और जे.जे फ्लाई ओवर होते हुए आजाद मैदान के लिए निकले |
इस आंदोलन में शामिल किसानों की संख्या लगभग 20,000 हजार है | जो महारष्ट्र के ठाणे, भुसावल और मराठवाडा क्षेत्रों के हैं | इस आंदोलन के नेता ने बताया की महारष्ट्र विधान सभा का घेराव करना है | यह सभी किसान कर्ज माफ़ी, सुखा राहत तथा भूमि अधिकार को लेकर आंदोलन कर रहे हैं | इसके साथ ही स्वामीनाथन आयोग के रिपोर्ट को लागु करने की भी बात कर रहे हैं |
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री का वयान
मुख्यमंत्री ने कहा है की प्रदर्शन करने वाले किसानों से मुलाकात करेंगे | मुख्यमंत्री ने कहा की हम वैन अधिकार अधिनियम के तहत आनेवाले आवेदन को निपटा रहे हैं , लेकिन अभी भी कुछ बचे हुये हैं, जिसे हम जल्द हल कर देंगे |
वहीँ दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर महारष्ट्र विधान सभा में विपक्षी दल हमलावर है | पूर्व up मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है की सरकार किसानों को मुर्ख बनाने का काम कर रही है, इस सरकार ने किसानों के किसी भी मांग को पूरा नहीं किया | मार्च में किसानों से किया हुआ वडा भी पूरा नहीं किया |