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रविवार, जनवरी 26, 2025
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अधिक बारिश और बाढ़ से किसानों की फसलें हुई बर्बाद, कृषि मंत्री ने किया जल्द मुआवजा देने का वादा

अधिक बारिश एवं बाढ़ के चलते आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। जिसको देखते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में दो दिनों के दौरे पर गए हुए हैं। यहाँ उन्होंने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित गन्नवरम विधानसभा क्षेत्र के केसारपल्ली का दौरा कर किसानों से बातचीत की। वहीं, तेलंगाना के मीनावलु, पेड्दागोपावरम, मन्नूनुर, कट्टलेरू बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की फसल क्षति का हवाई सर्वेक्षण किया और खम्मम व मुननेरु बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी हवाई सर्वेक्षण किया।

इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि हम तात्कालिक किसानों को सहायता देने का काम कर रहे हैं। किसी को भी निराश होने की जरूरत नहीं है, हम मिलकर काम करेंगे और केन्द्र सरकार जनता को इस संकट से बाहर निकालेगी। राज्य सरकार के साथ केन्द्र सरकार खड़ी है और हम किसानों को हर संकट के पार निकाल कर ले जाएंगे।

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किसानों को मिलेगा मुआवजा

कृषि मंत्री ने तेलंगाना के खम्मम जिले में किसानों से उनके नुकसान के संबंध में बातचीत की और उन्हें जल्द मुआवजा देने की बात कही। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सबसे पहले फसल क्षति का आंकलन कर जल्द ही उचित मुआवजा दिलाएंगे। बैंकों से कहेंगे कि संकट के समय किसानों से ऋण वसूली न करें। अगली फसल के लिए खाद बीज की कमी नहीं होने देंगे। इस दौरान एक किसान बाढ़ में अपनी फसल नुकसान के बारे में बता रहा था, तभी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उसे अपने पास बुलाया और गले लगाकर किसान के आंसू पौंछे।

किसानों की पूरी फसलें हुई बर्बाद

केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों के खेतों को देखा और उनके नुकसान की जानकारी ली। किसानों की पूरी फसलें-केला, हल्दी और सब्जियां नष्ट हो गई हैं। इस इलाके में किसान व्यापक पैमाने पर हॉर्टिकल्चर करते हैं और यहां लीज़ पर खेती करने वाले किसान भी हैं, लीज़ पर खेती करने पर किसानों को फसल का बड़ा हिस्सा या पैसा देना पड़ता है, जिससे उनकी फसलों की लागत पूरी तरह से नष्ट हो गई है। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता प्रारंभिक रूप से किसानों की सहायता करना है, दूसरी – फसल बीमा योजना का फायदा मिले इसका इंतज़ाम करना है, तीसरी – लीज़ पर जमीन लेकर काम करने वाले किसानों के लिए व्यवस्था करना है और चौथी – अगली फसल किसान कैसे ले पाए इसका समाधान करना है।

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