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रविवार, जुलाई 13, 2025
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बारिश एवं ओले से फसल नुकसान होने पर किसान यहाँ करें शिकायत

किसान फसल नुकसानी की शिकायत कहाँ करें

बेमौसम बारिश और उसके साथ ओले गिरने से किसानों की खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है |  किसानों की नींद उड़ चुकी है उन्हें समझ नहीं आ रहा है इस मुसीबत से कैसे निपटें | यह मुसीबत ऐसे समय आई है जब किसानों की रबी फसल की कटाई शुरू होने वाली थी | खासकर गेहूं, मसूर, चना, सरसों, अलसी, मटर तथा अन्य फसल के लिए काफी नुकसान हुआ है | रबी मौसम के अंतर्गत आनेवाली दलहनी तथा तिलहनी फसल की कटाई शुरू होने से पहले ही कई किसानों की फसल नष्ट हो गई है | ऐसे में किसानों को आर्थिक सहायता देना बहुत जरुरी है | इसके लिए किसान के पास दो रास्ते हैं, एक तो वे किसान जिनकी फसल का बीमा है दुसरे वह किसान जिनके पास फसल बीमा नहीं है | किसान समाधान देश के सभी राज्यों वे सभी किसानों के लिए जानकारी लेकर आया है जो इस ओला तथा पानी से प्रभावित है |

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जिन किसान के पास फसल बीमा है वह क्या करें ?

वे किसान जिन्होंने फसल बीमा करवाया हैं वह पहले यह मालूम करें की आप की फसल का बीमा कौन से कंपनी ने किया है | उस कम्पनी के टोल फ्री नंबर पर फोन कर फसल नुकसानी को दर्ज करायें | जहाँ से कम्पनी आप की फसल के सर्वे के लिए करवाएगी और नुकसानी का आकलन करेगी | इसके अतिरिक्त किसानों को अपने तहसील के तहसीलदार, एस.डी.एम. तथा कलेक्टर या जिला कृषि विभाग से लिखित शिकायत करें तथा फसल की सर्वे के लिए आमंत्रित करें  या किसान का जिस बैंक से फसल बीमा हुआ है, वहां पर जाकर एक फार्म को भरे |

फसल बीमा कंपनियों के टोल फ्री नम्बर जानने के लिए क्लिक करें

जिन किसानों का का फसल बीमा नहीं है ?

वैसे किसान जिनके फसल का बीमा नहीं है तथा उनकी फसल ओले तथा पानी गिरने के कारण काफी नुकसान हो गया है | काफी नुकसानी का मतलब यह है कि फसल का नुकसानी 33 प्रतिशत से ज्यादा होना चाहिए | वैसे किसान समूह बनाकर तहसील में एस.डी.एम तथा जिले में कलेक्टर से लिखित शिकायत करें |

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52 टिप्पणी

  1. दुर्गविजय यादव आजमगढ़ उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। वर्ष 2019 में धान का प्रधानमन्त्री फसल बीमा हुआ था। बीमा कंपनी के शाखा कार्यालय आजमगढ़ के शाखा प्रबंधक (जिनका मो. नं. 9415674498है) का कहना है कि सरकार का आदेश है इस साल बाढ़ से नुकसान होने वाली धान की फसल कभर नहीं होगी।क्या यह सही है ? यदि नहीं, तो मार्गदर्शन करने की कृपा करें।

  2. धान को चूहे और फफूंदी लग गई है कीटनाशक की दुकान भी बंद है लाकडाउन में उूपर से पानी गिर गया 200 कुंडल धान सटकर बदबू मार रही है नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करेगी या सरकार

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