वाटिका परियोजना
वाटिका परियोजना के अंतर्गत किसान खुद का कृषि उद्योग शुरू कर सकें इसके लिए सरकार उन्हें वित्तीय मदद के साथ ही उनके प्रशिक्षण के लिए प्रारंभ की है | कृषि विज्ञानं केंद्र खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के द्वारा संचालित “सम्पदा योजना” तथा कृषि एवं किसान मंत्रालय द्वारा संचालित “राष्ट्रीय कृषि विकास योजना “ के अंतर्गत परियोजना प्रस्तुत कर किसान वित्तीय सहायता प्राप्त करेंगे |
जिस विषय पर प्रशिक्षण द्वारा युवकों को दक्ष किया जाना है उससे सम्बंधित तकनीक युक्त इकाई की स्थापना कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रांगण में की जाएगी तथा उत्साही युवकों का चयन कर उन्हें व्यावहारिक कोशल प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे वे अपने गाँव के स्तर पर अपनी इकाई स्थापित कर सकें | वर्ष 2019-20 तक 100 वटिका केन्द्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है |
वाटिका: कृषि मूल्यसंवर्धन और टेक्नोलॉजी इन्कुवेशन सेंटर
रिकार्ड उत्पादन के बावजूद कटाई उपरांत प्रवंधन के आभाव मैं उत्पादों की बर्बादी के कारण किसानों को अत्यधिक नुकसान होता है | उचित प्रबंधन के आभाव में कटाई उपरांत फसल और सब्जियों मैं औसतन 10 से 30 प्रतिशत और अनाज में औसतन 8-10 प्रतिशत का नुकसान होता है | अगस्त 2016 के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के आकड़ों के अनुसार देश में प्रमुख कृषि उपज का नुकसान 92,651 करोड़ रुपये के बराबर है | कृषि उत्पादों का उचित प्रसंस्करण न केवल नुकसान को रोकता है और उत्पादों की गुणवत्ता को बढाता है, बल्कि इससे उत्पादों की बिकने की क्षमता भी बढती है जो बदले में उत्पादकों को बढ़ी हुई आय भी प्रदान करती है |
वर्तमान परिद्रश्य में एकीकृत प्रयास करने की जरुरत है जिसमें सिद्ध प्रक्षेत्र तकनीकी एवं कटाई उपरांत प्रयोग किये जाने वाले तकनीकी को समाविष्ट करते हुए ग्रामीण युवकों को प्रशिक्षण दिया जाये जिसमें समुदाय आधारित संगठन एवं किसान उत्पादक संगठन प्रमुख भूमिका निभा सकें | ऐसे प्रावधान कृषि विज्ञानं केन्द्रों, राज्य कृषि विश्वविद्यालय और राज्य कृषि विभागों के द्वारा बनाये जाने की जरुरत है |
कटाई के बाद उत्पादों की बर्बादी से किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान तथा कृषि उत्पादों के उचित प्रसंस्करण से होने वाले लाभ को ध्यान में रखते हुए भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् द्वारा “वाटिका” (कृषि मूल्यसंवर्धन और टेक्नोलॉजी इन्कुवेशन सेंटर) नामक योजना प्रारंभ की गई है | इसका मुख्य उद्देश्य व्यावसायिक रूप से टिकाऊ माडल के माध्यम से कटाई उपरांत प्रवंधन प्रोद्योगिकी को बढ़ावा देना है ताकि उत्पादों की बर्बादी को कम करके किसानों को आर्थिक हानि से बचाया जा सके तथा उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ा कर कृषि को अधिक लाभकारी बनाया जा सके |
उद्देश्य
- कृषि उत्पादों के नुकसान को कम करने के लिए उपयुक्त कटाई उपरांत प्रबंधन प्रोद्योगिकी का प्रसार
- किसानों, युवकों अवं किसान उत्पादक संगठनों को कटाई उपरांत प्रबंधन प्रोद्योगिकी पर लम्बी अवधि का कौशल परक प्रशिक्षण
- युवकों/ किसानों द्वारा इकाई स्थापित करने हेतु तकनिकी सहयोग अवं नियमित सलाह
योजना का क्रियान्वन
कृषि विज्ञान केन्द्रों के परिसर में वाटिका की स्थापना कर किसानों, युवकों तथा किसान उत्पादक संगठनों के सदस्यों के कौशल विकास हेतु इनका संचालन किया जाएगा | प्रशिक्षित उद्यमियों को अपनी इकाई स्थापित करने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र उनको वित्तीय संस्थाओं से जोड़ेंगे | साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र उनको लम्बे समय तक तकनीकी सलाह देते रहेंगे जिससे वे इकाई स्थापित करने की शुरुआती दौर में आने वाली कठिनाइयों से निजात प् सकें |
योजना का लाभ पाने के लिए क्या करें
जो भी इच्छुक किसान भाई या युवा है वह अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय एवं राज्य कृषि विभाग में जाकर संपर्क करें | उनसे प्रशिक्षण के विषय में जानकारी लें |
मैं समेकित खेती करना चाहता हूं इसके लिए मार्गदर्शन करें
अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में सम्पर्क कर वहां से प्रशिक्षण लें |
मै कृषक लघु उद्योग के तहत किसान क्रेडिट से ऋण तथा कुछ अपनी बचत से एक लघु उद्योग लगाना चाहता हूं जिसमे सोया से बने पदार्थो का उत्पादन किया जा सके। कृपया इस विषय मे उद्योग हेतु ऋण से लेकर उद्योग का प्रशिक्षण, स्थापना, एवं उत्पादो के मार्केट मे विक्रय संबंधी दिशा निर्देश एवं सहायता उपलब्ध कराए।
जी प्रशिक्षण आप अपने जिले के कृषि विज्ञानं केंद्र या कृषि विश्वविद्यालय से ले सकते हैं | https://kisansamadhan.com/agriculture-business/
Me kisan hu mujhe lon chahiy
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाएं |
Me kisan ka beta hu or me kheti Karna chaheta hu par utana lagat mere pass nhi h par mere jamin dhari hu par lon lena chaheta hu par lon nhi mil rha hai
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाएं | उस पर ऋण ले सकते हैं |