देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा परम्परागत फसलों की खेती के अलावा उद्यानिकी और मसाला फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कड़ी में एमपी के छिंदवाड़ा जिले के किसानों, विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों के कृषकों को अधिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अनुकूल जलवायु के दृष्टिगत जिले में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता की खेती का नवाचार किया जा रहा है।
इस कड़ी में छिन्दवाड़ा जिले के चार विकासखंडों अमरवाडा, हर्रई, तामिया एवं जुन्नारदेव में इस नवाचार को मूर्त रूप दिया जाएगा, क्यूंकि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यहां कि क्लाइमेटिक कंडीशन इन मसाला वर्गीय फसलों के उत्पादन के लिए अनुकूल हैं। कृषकों को इन मसालों की खेती से अवगत कराने और इसके लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 24 अप्रैल के दिन जिला पंचायत सभाकक्ष में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
39 किसानों को दिया गया प्रशिक्षण
जिले के कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में नवाचार के रूप में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता की खेती पर जिले के विकासखण्ड अमरवाडा, हर्रई, तामिया एवं जुन्नारदेव के 39 कृषकों को मसाला वर्ग की लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता फसल की खेती पर स्पाईस बोर्ड ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक भरत अर्जुन गुढाडे द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में इन मसालों के पौधे भी प्रदर्शन के लिए रखे गए थे।
प्रशासन करेगा सहयोग
कार्यशाला में जिले के कृषकों को प्रोत्साहित करते हुए कलेक्टर सिंह ने कहा कि कृषकों के पास जमीन भी ज्यादा होती है और वे मेहनत भी ज्यादा करते हैं। बावजूद इसके व्यापारी ज्यादा फायदा उठाते हैं। यदि कृषक भी आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति व प्लानिंग के साथ कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के उचित मार्गदर्शन में स्मार्ट वर्क करेंगे, आवश्यकता के अनुसार खेती की पद्धति में बदलाव करेंगे, नवाचारों को अपनाएंगे तो कृषक भी अधिकतम लाभ उठा सकेंगे। कृषकों के पास खेती के संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता है। कृषकों को हर संभव सहयोग देने के लिए जिला प्रशासन हर कदम पर आपके साथ है।
पांच गुना तक बढ़ेगी किसानों की आमदनी
जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले में क्लाइमेटिक कंडीशन की अनुकूलता को देखते हुए किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए ही जिले में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता की खेती का नवाचार किया जा रहा है। ये मसाले आपकी आय के अतिरिक्त स्त्रोत होंगे, जो आपकी आय पांच गुना तक बढ़ा सकते हैं। उन्होंने उपस्थित सभी कृषकों से अनुरोध करते हुए कहा कि यह प्रदेश का इस तरह का पहला नवाचार है, इसकी सफलता आपकी रुचि, उत्साह, मेहनत और लगन पर निर्भर करेगी।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जैसवाल ने भी उपस्थित किसानों को जिले में नवाचार के रूप में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता फसल की खेती कर आय के नवीन स्त्रोत तैयार कर अतिरिक्त आय के द्वारा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए आश्वस्त किया।