प्रमाणित बीज उत्पादन
खेती में नई उन्नत किस्मों के बीजों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है, उन्नत बीजों से जहां किसानों की पैदावार बढ़ती है वहीं आमदनी भी अधिक प्राप्त होती है। नई उन्नत किस्मों के बीजों का उत्पादन बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना चलाई जा रही है। इस योजना में किसानों को बीज उत्पादन के लिए कृषि विभाग द्वारा उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं और उन्हें अपने उपयोग के लिए बीज उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाता है। योजना के तहत 2 लाख से अधिक किसान अपने खेत में बीज का उत्पादन कर रहे हैं।
राजस्थान के सभी जिलों में किसानों को गेहूं, जौ, चना, ज्वार, सोयाबीन, मूंगफली, मूंग और उड़द सहित अन्य फसलों के बीजों का निःशुल्क वितरण किया गया है। योजना से किसानों की उपज बढ़ी है और उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो रही है। फसल की बुवाई के समय उन्नत बीज उपलब्ध नहीं होने की समस्या भी हमेशा के लिए दूर हो गई है।
किसानों को किया गया निःशुल्क बीज का वितरण
राजस्थान के कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि योजना के तहत विगत 4 वर्षो में 24 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत से 2 लाख 24 हजार 268 किसानों को 46 हजार 326 क्विंटल उन्नत बीज का वितरण किया गया है। इन किसानों द्वारा 58.47 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बीज की बुवाई की गयी, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2019 से 2022 तक 2 लाख 14 हजार 262 क्विंटल उन्नत बीज उत्पादित किया गया है।
योजना की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में योजना के आकार को दोगुना कर दो वर्षों में 50 हजार किसानों को लाभान्वित करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के मद्देनजर चालू वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ रूपए की लागत से किसानों को 34 हजार 276 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है, जिससे लगभग 4 लाख 95 हजार क्विंटल उन्नत बीज उत्पादन का लक्ष्य है।
अनुदान पर निःशुल्क बीज लेने के लिए क्या करें?
योजना में नि:शुल्क उन्नत बीज का वितरण 50 कृषकों का समूह बनाकर किया जाता है। समूह के चयन में विशेष ध्यान रखा जाता है कि 50 प्रतिशत लघु एवं सीमांत कृषकों की भागीदारी हो। समूह के प्रत्येक किसान के पास 0.2 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। उन्नत बीजों का वितरण संबंधित कृषि पर्यवेक्षक के द्वारा जन आधार कार्ड से राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से किया जाता है।