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कृषि मेले में किसानों को मिल रही है उन्नत कृषि यंत्रों, बीजों और खेती की उन्नत तकनीकों की जानकारी

किसानों को कृषि की नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए नरसिंहपुर जिले में कृषि उद्योग समागम का आयोजन किया जा रहा है। मेले में उन्नत बीज, ड्रोन तकनीक, एआई युक्त कृषि उपकरण, पॉवर स्प्रेयर, नैनो फर्टिलाइजर, जैविक उत्पाद और आधुनिक यंत्र किसानों को आकर्षित कर रहे हैं।

किसानों को खेती-किसानी की नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए समय-समय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में तीन दिवसीय कृषि मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले का आयोजन 26 मई से 28 मई 2025 के दौरान किया जाएगा। कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक उद्यमों की स्थापना की जा सके इसके लिए सरकार ने कृषि मेले की थीम कृषि उद्योग समागम रखी है। जिसमें उद्यमियों को कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कृषि मेले के दूसरे दिन कृषि से संबंधित नवीनतम यंत्रों, तकनीकों, बीजों और योजनाओं का व्यापक प्रदर्शन किया गया। साथ ही कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के वैज्ञानिकों ने जैविक खेती, कीट प्रबंधन, उन्नत बीज और मशीनों के उपयोग पर किसानों को विस्तृत जानकारी दी। विशेषज्ञों ने पशुपालन, मृदा परीक्षण, जैव उर्वरक जैसे विषयों पर भी किसानों का मार्गदर्शन किया।

मेले में किया जा रहा है उन्नत कृषि यंत्रों का प्रदर्शन

नरसिंहपुर की कलेक्टर शीतला पटले ने बताया कि मेले में 90 से अधिक विभागीय स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें ड्रोन तकनीक, एआई युक्त कृषि उपकरण, पॉवर स्प्रेयर, नैनो फर्टिलाइजर, जैविक उत्पाद और आधुनिक यंत्र किसानों को आकर्षित कर रहे हैं।

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कृषि उद्योग समागम में एमपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने मवेशियों के लिए केटर डिंकिंग वाटर टेंकर, मोबाइल जीआई वाटर प्यूरिफायर और मैकेनाइज्ड ग्रेन सेग्रेगेशन सिस्टम जैसे उन्नत यंत्र प्रदर्शनी में रखे गए हैं। तीर्थ एग्रीकल्चर प्राइवेट लिमिटेड, गुजरात की राउंड बेलर, स्मार्ट प्लांटर, सुपर सीडर, थ्रेशर आदि मशीनें किसानों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। कृषि गति, पुणे के स्टॉल पर प्रदर्शित इलेक्ट्रिक बैल भी किसानों का कौतूहल बढ़ा रहा है। इससे बुआई, निदाई और कीटनाशक छिड़काव किया जा सकता है।

मैकेनाइज्ड ग्रेन सेग्रेगेशन सिस्टम

मेकेनाईज्ड ग्रेन सेग्रेगेशन सिस्टम एक ऐसा अभिनव एवं उन्नत सिस्टम हैजिसकी सहायता से उपज को एक ही बार में सफाईछनाईट्रांसफरग्रेडिंगतुलाई एवं बेग में भरा जा सकता है। यह अभिनव सिस्टम अत्यंत कम खर्चे एवं समय में सभी प्रकार की उपज की ग्रेडिंग कर सकता है। यह सिस्टम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल जो भारत सरकार का संस्थान है से टेस्टेड एवं अनुमोदित है। किसान सेवा केन्द्र में इसे स्थापित किया जाता हैतो मंडी समिति द्वारा स्वयं सहायता समूह या महिला कृषक समूह के माध्यम से इसे ऑपरेट कर किसानों की फसल रियायती दर पर सफाई, छनाई, ट्रांसफरग्रेडिंगतुलाई एवं बेगिंग कर कृषकों की उपज का मूल्य संवर्धन किया जा सकता है। जिससे किसानों को मंडी में उनकी फसल को उचित दाम प्राप्त हो सकेगा।

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उन्नत बीजों का किया जा रहा है प्रदर्शन

किसानों को कम समय में अधिक पैदावार देने वाले उन्नत किस्म के प्रमाणित बीजों की प्रदर्शनी कृषि उद्योग समागम मेले में लगाई गई हैं। किसानों को प्रमाणित, उन्नत बीजों की जानकारी देने के लिये कुशवाहा बीज भंडार, नरसिंहपुर सहित कई स्टॉल लगाए गए। इन स्टॉल्स पर हजारों किसानों ने जानकारी ली और बीजों की खरीद भी की। गाडरवारा के किसान विजय पाल ने प्रदर्शनी में आम की विभिन्न प्रजातियों (राजापुरी, लंगड़ा, दशहरी, गोल्डन केसर आदि) रखे हैं। विजय पाल ने किसानों को बताया कि एक एकड़ आम की खेती से दो वर्षों में 1.5 लाख रुपये तक की आमदनी होती है।

कृषि उद्योग समागम के दौरान कृषि विभाग, महिला एवं बाल विकास, मत्स्य, उद्यानिकी, स्वास्थ्य आदि विभागों से संबंधी स्टॉल लगाकर किसानों और नागरिकों को जानकारी दी जा रही है। उन्होंने अपने-अपने विभागों की योजनाओं, कार्यक्रमों की जानकारी देकर इन योजनाओं का लाभ लेने का आग्रह कर रहे हैं।

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