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गेहूं के साथ तरबूज की खेती कर रहे हैं किसान, केंद्रीय कृषि मंत्री ने खेती के तरीके को कहा शानदार

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान राम प्रताप के खेत में जाकर लाल, पीले और नारंगी तरबूज की खेती देखी और उनका स्वाद लिया। उन्होंने कहा कि गेंहू की खेती के साथ-साथ तरबूज की खेती का यह तरीका खेती के विकास के दृष्टिकोण से बेहद शानदार है।

देश भर में 29 मई से 12 जून तक विकसित कृषि संकल्प अभियान का आयोजन किया जा रहा है। अभियान के तहत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान अलग-अलग राज्यों में जाकर किसानों से मिलकर उनसे संवाद कर रहे हैं। इस कड़ी में कृषि मंत्री ने अभियान के तीसरे दिन यानी 31 मई को हरियाणा के पानीपत में किसानों से संवाद किया। पानीपत के आर्य पीजी कॉलेज, जीटी रोड के परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस कार्यक्रम से पहले किसानों के बीच खेत में जाकर उनसे सीधा संवाद भी किया और विविध तरीकों से की जा रही खेती कि जानकारी भी ली। कार्यक्रम में हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा सहित कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

कृषि मंत्री ने देखी लाल, पीले और संतरी तरबूज की खेती

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि आज भी मैंने किसानों के खेतों में जाकर हमारे किसान भाइयों से बात की। जिनमें एक किसान रामप्रताप जी के खेत में जाकर विभिन्न प्रकार के तरबूज़ों की खेती देखी। किसान ने अपने खेत में गेहूँ की फसल के साथ विभिन्न प्रकार के तरबूज लगा रखे हैं। जिनमें लाल, पीले और संतरी तरबूज शामिल हैं। कृषि मंत्री ने तरबूज की खेती भी देखी और स्वाद भी लिया। उन्होंने कहा कि स्वाद के लिहाज से यह शानदार हैं। गेंहू की खेती के साथ-साथ तरबूज की खेती का यह तरीका खेती के विकास के दृष्टिकोण से बेहद शानदार है।

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उन्होंने आगे कहा कि कृषि मंत्री की असली भूमिका किसानों से बातचीत करना, उनसे पास जाकर उनकी समस्याएं सुनना और उनके निदान का मार्ग दिखाना है। कृषि आज भी भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ और किसान उसकी आत्मा है। किसानों की सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है।

धान की नई किस्मों से बढ़ेगा उत्पादन

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों और वैज्ञानिकों को जोड़ने और ‘लैब टू लैंड’ की दिशा में आगे बढ़ने के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की कल्पना की गई है। शोध का लाभ किसानों तक पहुंचे इसके लिए 16 हजार वैज्ञानिकों की 2170 टीमें बनाई गई हैं, जो गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद कर रही हैं। कृषि विभाग का अमला और किसान मिलकर खेती की दशा और दिशा बदलेंगे और अपना सामर्थ्य दुनिया को दिखलाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं, हमारे वैज्ञानिक प्रतिभाशाली और सामर्थ्यवान है। हाल ही में 2 धान की नई किस्में विकसित की हैं और दोनों धान की किस्मों में भी 30% उत्पादन बढ़ेगा और पानी 20% कम लगेगा। उत्पादन बढ़ेगा, पानी बचेगा लेकिन अब रियल टाइम में किसानों को बताएं कि ये चीज है इस पर ये चीज लगाओ इसलिए बना है ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’।

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