ग्रामीण क्षत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों और युवाओं, युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे रोजगार स्थापित कर अपनी आमदनी बढ़ा सकें। इस कड़ी में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा जिलों में स्थापित राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्रों एवं सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा जिलों के लिए लक्ष्य का निर्धारण कर दिया गया है।
इन केंद्रों पर युवक, युवतियों और किसानों को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में उप-मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह प्रभावी कार्य योजना व रूप रेखा तैयार कर इच्छुक नवयुवकों, नवयुवतियों व किसानों को बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण दिलाएं।
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण कार्यों की निगरानी भी की जाएगी और प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार से जोड़ने के प्रयास भी किए जाएंगे। प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षणार्थी फूड प्रोसेसिंग का कार्य कर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे साथ ही प्रशिक्षित लोग अपनी यूनिट लगाकर अनुदान व अन्य सुविधाओं का लाभ भी ले सकेंगे।
इन कामों के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण
विभाग द्वारा आगरा, अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, झाँसी, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या व गोरखपुर के राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्रों के प्रधानाचार्यों, मिर्जापुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, सहारनपुर व चित्रकूट धाम के खाद्य प्रसंस्करण अधिकारियों तथा फल संरक्षण अधिकारी लखनऊ को निर्देश दिए गए हैं की वह निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप प्रशिक्षण दिलाना सुनिश्चित करें। विभाग द्वारा दिए गए निर्देशानुसार प्रवेश प्रक्रिया अपनाकर प्रशिक्षण दिया जाए।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में खाद्य प्रसंस्करण में 150, बेकरी एवं कॉन्फेक्शनरी में 150 लोगों और कुकरी (पाक-कला) में 150 लोगों को एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा। इसी तरह बेकरी एवं कॉन्फेक्शनरी में 250 लोगों, कुकरी (पाक-कला) में 250 लोगों व सम्मिलित कोर्स में 500 लोगों को एक महीने का अंशकालीन प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंडल, जनपद स्तर पर स्थापित राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्रों पर फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्रों में 15,402 प्रशिक्षणार्थियों को 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।