किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के सृजन के लिए सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में डेयरी उद्यमिता विकास योजना चलाई जा रही है, योजना के तहत किसानों को पशुपालन के लिए उन्नत नस्ल के दुधारू पशु खरीदने के लिए अनुदान दिया जाता है।
योजना के तहत जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के किसान सुखसागर यादव को राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 70 हजार रुपए का अनुदान दिया गया। जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम अन्तर्गत नस्ल सुधार योजना का भी लाभ लिया।
अब प्रतिदिन मिल रहा है 16 से 18 लीटर दूध
किसान सुखसागर यादव पहले अपनी आमदनी के लिए खेती पर ही निर्भर थे। योजना का लाभ लेने से पहले उनके पास केवल 1 गाय थी जो एक दिन में लगभग 1 लीटर ही दूध देती थी। जिसका उपयोग किसान के घर में ही हो जाता था। पशुपालन से कोई अतिरिक्त आय नही होती थी। जिसके बाद किसान ने वर्ष 2024-25 में पशुधन विकास विभाग से राज्य प्रायोजित डेयरी उद्यमिता विकास योजना का लाभ लेकर एक उन्नत नस्ल की जर्सी गाय और एक साहिवाल क्रॉस गाय खरीदी। जिससे वर्तमान में किसान को प्रतिदिन 16 से 18 लीटर दूध मिल रहा है। जिसको बेचकर किसान अब हर महीने 25 से 30 हजार रुपए की आमदनी प्राप्त कर रहा है।
साथ ही किसान ने राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम नस्ल सुधार योजना द्वारा कृत्रिम गर्भाधान का लाभ लिया है। जिससे वर्तमान में उन्नत नस्ल की बछिया एवं बाछा उत्पन्न हुई है, जिससे किसान की आय आगे भी बढ़ने की संभावना है। पशुधन विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना का लाभ लेने के बाद किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। विभाग द्वारा गाय का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। कृमि नाशक दवाइयां एवं मिनरल मिक्सचर प्रदान किया जाता है। आवश्यकतानुसार तकनीकी मार्गदर्शन भी किसान को दिया जाता है।