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गुरूवार, जनवरी 23, 2025
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मक्के की फसल में हुआ फाल आर्मी वर्म का आक्रमण, किसान ऐसे करें नियंत्रण

अधिकांश स्थानों पर खरीफ मक्का की बुआई का काम पूरा हो गया है। इस मौसम में मक्के की फसल में फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप होने की संभावना सबसे अधिक होती है। जिसको देखते हुए छत्तीसगढ़ के सुकुमा ज़िले के कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों के खेतों का निरीक्षण किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको द्वारा सुकमा विकासखंड के गाँव मुरतोण्डा, रामपुरम, मुयापारा, पेरमापारा, सोनाकुकानार का मैदानी भम्रण के दौरान मक्का के खेतों का सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि फॉल आर्मी वर्म कीट की इल्ली का आक्रमण सर्वाधिक था।

वैज्ञानिकों ने कहा कि फॉल आर्मी वर्म मुख्य रूप से अमेरिका में मक्का व अन्य फसलों पर पाया जाने वाला कीट है, जिसका वैज्ञानिक नाम स्पोडोप्टेरा फ्रुजीपरडा है, जो कि लेपिडोप्टेरा गण में नोक्टुइडे़ परिवार का कीट है। उन्होंने बताया कि मक्के में 25-30 दिन की अवस्था इस कीट का आक्रमण दिखाई देता है। वहीं 30-45 दिन की अवस्था मे इस कीट का अधिक प्रकोप दिखाई देता है। इसकी 6 अवस्थाएं होती है। इसके इल्ली के सिर पर वाय Y आकार का सफेद चिन्ह एवं शरीर पर काले धब्बे होते हैं। ऊपर के 8वें खंड पर चार काले रंग के धब्बे वर्ग के रूप में होते हैं।

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किसान इस तरह करें फॉल आर्मी वर्म कीट का नियंत्रण

विशेषज्ञों ने कहा कि बीज बुआई से पहले बीजों को रासायनिक कीटनाशक साइट्रानिलिप्रोल 19.8 प्रतिशत एवं थियामेथोक्साम 19.8 प्रतिशत एफ.एस. का 6 मिली. प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करने से अंकुरण के 20-25 दिन तक पौधे को इस कीट से बचाया जा सकता है। सर्वेक्षण में ये भी पाया गया कि किसान बिना किसी कृषि विशेषज्ञ की सलाह से ही कीटनाशक का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे है। उन्हें सलाह दी गई है कि किसान कृषि विशेषज्ञ की सलाह से ही कीटनाशक का प्रयोग करे।

इल्ली के प्रभावी नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवा का पौधे के गोभ में जाना आवश्यक है, क्योंकि इल्ली गोभ में छुपकर खाती है। अतः संक्रमण अधिक होने पर निम्नलिखित रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए –

  • क्लोरेट्रांनिलिप्रोएल 18.5 एस.सी., 0.4 मिली प्रति लीटर पानी या
  • स्पिाईनटोरम 11.7 प्रतिशत एस.सी. 0.5 मिली प्रति लीटर पानी या
  • इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत एस जी 0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी़ की सिफारिश की जाती है।
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वहीं मक्का की बाली आने की अवस्था में रासायनिक कीटनाशकों को बदल-बदल कर छिड़काव करने से फॉल आर्मी वर्म कीट प्रकोप का नियंत्रण किया जा सकता है।

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