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शनिवार, अप्रैल 20, 2024
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राज्य में की गई 748 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना, सरकार दे रही है 80 प्रतिशत की सब्सिडी

सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना

अच्छी खेती बाड़ी और बागवानी में उन्नत बीज, खाद और सिंचाई के साथ-साथ आधुनिक कृषि यंत्रों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान है। खेती में यंत्रीकरण से उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों में बढ़ोतरी होती है, लेकिन आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नही होने के कारण लघु एवं सीमांत किसानों के लिए उन्नत एवं महंगे कृषि उपकरण खरीद पाना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को किराए पर सभी तरह के कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जा रही है।

इस कड़ी में राजस्थान सरकार किसानों को लाभान्वित करने के लिए क्रय विक्रय सहकारी समितियों (के.वी.एस.एस), ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जी.एस.एस.) और कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) के माध्यम से कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित कर रही है।

कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए दिया जा रहा है 80 प्रतिशत का अनुदान Subsidy

सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों को कम दर पर उन्नत कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थपाना की जा रही है। योजना के तहत कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए ट्रैक्टर, थ्रेशर, रोटावेटर, रीपर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल जैसे उन्नत कृषि यंत्रों की खरीद की जाती है। किसान इन केन्द्रों से जरूरत के कृषि यंत्रों को किराये पर लेकर खेती-किसानी के कामों में इस्तेमाल कर सकते हैं।

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राजस्थान सरकार द्वारा क्रय विक्रय सहकारी समितियों (के.वी.एस.एस) और ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जी.एस.एस.) को 10 लाख रुपये की लागत से कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना के लिए ट्रैक्टर मय कृषि यंत्रों के क्रय पर लागत का 80 प्रतिशत अधिकतम 8 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है।

राज्य में की गई 748 कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना

कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों को कम दर पर उन्नत कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए गत 4 वर्षों में 43 करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से 748 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए गए हैं। राजस्थान में बजट घोषणा 2022-23 के अनुसार राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के तहत आगामी 2 वर्षों में जी.एस.एस. एवं के.वी.एस.एस के माध्यम से 1500 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। जिसमें से मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 600 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप अब तक 500 हायरिंग केंद्र स्थापित करने की चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

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कम दरों पर किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं कृषि यंत्र

जयपुर जिले में ग्राम सेवा सहकारी समिति धानक्या में कस्टम हायरिंग केंद्र के माध्यम से अब तक 370 किसानों को कम दर पर उपकरणों को किराये पर देकर लाभान्वित किया गया है। यहाँ के निवासी एक किसान ने बताया कि कस्टम हायरिंग केंद्र से उन्होंने फसल निकालने के लिए थ्रेशर किराये पर लिया था, जो उन्हें 900 रुपये प्रति घंटे की दर से किराए पर दिया गया। उन्होंने बताया कि बाजार में निजि थ्रेशर 1300 रुपये प्रति घंटे की दर से किराया ले रहे हैं।

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