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सोमवार, अप्रैल 21, 2025
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एकमुश्त समझौता योजना के तहत किसानों को नहीं देना होगा ब्याज, मिलेगी 100 प्रतिशत की छूट

किसानों को कर्ज मुक्त करने और उन्हें खेती-किसानी के लिए नया ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में राजस्थान के सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भूमि विकास बैंकों के ऋणों के लिए “एकमुश्त समझौता (OTS) योजना” लाए जाने से किसानों और लघु उद्यमियों को तो बड़ी राहत मिलेगी ही कमजोर आर्थिक स्थिति से जूझ रहे भूमि विकास बैंकों के लिए भी राज्य सरकार का यह कदम संजीवनी साबित होगा।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सालों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण ऋणी किसानों द्वारा बैंक के ऋण की किश्तें नहीं चुकाई जा सकीं, जिसके परिणामस्वरूप इन बैंकों का अवधिपार ऋण लगभग 760 करोड़ रुपये हो गया। अब मुख्यमंत्री द्वारा एकमुश्त समझौता योजना लागू करने की घोषणा करते हुए इसके लिए 200 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित किया गया है, जिससे भूमि विकास बैंकों के ऋणों की वसूली आसान होगी और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी।

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किसानों को ब्याज में मिलेगी शत प्रतिशत राहत

सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के ‘सुराज संकल्प’ में किसानों की भूमि नीलाम नहीं होने देने का प्रावधान किया गया है। जिसके अंतर्गत भूमि विकास बैंकों द्वारा वसूली के लिए की जाने वाली नीलामी कार्यवाही को भी स्थगित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों का यह वर्ग आशान्वित था कि राज्य सरकार उन्हें राहत देते हुए एकमुश्त समझौता योजना लागू करेगी।

मुख्यमंत्री ने उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा का जवाब देने के दौरान यह बड़ी घोषणा की है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस घोषणा के तहत भूमि विकास बैंकों के 1 जुलाई, 2024 को अवधिपार हो चुके मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण की मूल धन की 100 प्रतिशत राशि जमा करवाने पर अवधिपार ब्याज में 100 प्रतिशत की राहत दी जाएगी।

किसान ले सकेंगे 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना का लाभ

एकमुश्त समझौता (OTS) योजना के लागू होने से प्रदेश के भूमि विकास बैंकों से जुड़े हुए 36,351 अवधिपार ऋणी सदस्यों को अवधिपार ब्याज में शत प्रतिशत राहत का लाभ मिलेगा। जिसके परिणामस्वरूप उक्त ऋणी सदस्यों को नवीन कृषि और अकृषि गतिविधियों के लिए राज्य सरकार की 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में नया ऋण मिल सकेगा, जिससे उनका आर्थिक उन्नयन होगा और वे पुनः मुख्यधारा में लौट सकेंगे।

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