पशुओं को बहुत से संक्रामक रोग लगते हैं, जिनके चलते उनकी मौत हो जाती है। जिसका नुकसान पशुपालकों को उठाना पड़ता है। ऐसे में पशु हानि से बचाने के लिए सरकार द्वारा बहुत सी योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनके तहत पशुओं का टीकाकरण किया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान पशुपालन विभाग के निदेशक भवानी सिंह राठौड़ ने शुक्रवार को जयपुर जिले के दादिया पट्टी गांव में भेड़ बकरियों में पीपीआर रोग से बचाव के लिए पीपीआर रोग उन्मूलन टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
दरअसल राजस्थान में 4 अक्टूबर को पशु कल्याण दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ही राज्य में पीपीआर रोग उन्मूलन टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। साथ ही कार्यक्रम में पशुपालन निदेशक ने सभी ग्रामवासियों, पशुपालकों तथा पशुपालन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को जीव जंतुओं की रक्षा करने और प्रेम करुणा का भाव रखने की शपथ भी दिलाई।
क्या होता है पीपीआर रोग
इस अवसर पर पशुपालन निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि पीपीआर विषाणुजनित एक खतरनाक बीमारी है, जो प्रायः भेड़ और बकरियों में पाई जाती है। यह इतनी खतरनाक बीमारी है कि संक्रमण के एक सप्ताह के भीतर पशु की मौत हो जाती है। इस बीमारी का संक्रमण होने पर पशुओं को तेज बुखार, आंख-नाक से पानी की तरह स्राव और सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। इस तरह के लक्षण दिखाई पड़ते ही पशुओं को तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाना चाहिए। उन्होंने पशुपालकों से कहा कि टीकाकरण इसकी रोकथाम का प्रमुख उपाय है। इसलिए अपने-अपने पशुओं को पीपीआर का टीका जरूर लगवाएं।