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मंगलवार, जनवरी 14, 2025
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डीएपी खाद की कमी के चलते इन खादों के उपयोग में हुई कई गुना की वृद्धि

रबी सीजन की फसलों की बुआई के दौरान डीएपी, एसएसपी और एनपीके खाद की मांग में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। ऐसे में राज्य सरकारों के द्वारा किसानों डीएपी खाद उपलब्ध कराने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में राजस्थान की कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में डीएपी आपूर्ति में सुधार लाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है। इसके साथ ही, किसानों को डीएपी उर्वरक के विकल्प के तौर पर एसएसपी एवं एनपीके का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।

कृषि विभाग के प्रयासों का ही असर है कि इस वर्ष किसानों ने डीएपी जगह वैकल्पिक उर्वरकों का प्रयोग किया है। कृषि आयुक्त के मुताबिक इस साल डीएपी की जगह वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग में काफी वृद्धि हुई है। उनके मुताबिक राजस्थान में माह अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में एसएसपी का 76 प्रतिशत एवं एनपीके उर्वरकों का 221 प्रतिशत अधिक उपयोग किया गया है।

2 से 3 दिन में आएगी 20 हजार मीट्रिक टन डीएपी

आयुक्त कृषि ने बताया कि देश में डीएपी उर्वरक की आपूर्ति काफी हद तक विदेशी आयात पर निर्भर है। इस साल आयात कम होने से पूरे देश में ही डीएपी की मांग व आपूर्ति का अन्तर बढ़ गया है, जिससे अन्य राज्यों के साथ-साथ राजस्थान राज्य भी प्रभावित हुआ है। राज्य में इस वर्ष रबी सीजन के दौरान अक्टूबर व नवम्बर माह में 2 लाख 81 हजार मीट्रिक टन मांग के विरूद्ध 2 लाख 8 हजार मीट्रिक टन (74 प्रतिशत) डीएपी की आपूर्ति हुई है। वर्तमान में राज्य में 41 हजार मीट्रिक टन डीएपी का स्टॉक उपलब्ध है जो औसत दैनिक डीएपी की खपत के आधार पर 10 दिन के लिए पर्याप्त है तथा 20 हजार मीट्रिक टन आगामी 2-3 दिन में आपूर्ति होने जा रही है।

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शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी ने बताया कि राज्य सरकार भारत सरकार से समन्वय बनाकर अधिकाधिक डीएपी की आपूर्ति के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी एवं नकली उर्वरको पर अंकुश लगाने के लिए कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर विशेष गुण-नियंत्रण अभियान चलाये जा रहे है।

उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी करने वालों के खिलाफ की जा रही है कार्यवाही

कृषि आयुक्त के अनुसार रबी मौसम पूर्व सघन गुण-नियंत्रण अभियान दिनांक 15 सितम्बर से संचालित किया गया, जिसके तहत पूरे राज्य में विभागीय उर्वरक निरीक्षकों द्वारा 5478 कृषि आदान विक्रेताओं, निर्माताओं एवं खुदरा व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया तथा जिसमें कालाबाजारी, जमाखोरी एवं अनियमितता पाये जाने पर 618 को कारण बताओ नोटिस, 58 विक्रय पर रोक, 39 प्राधिकार पत्र निलम्बित, 8 प्रतिष्ठानों पर उर्वरक जब्ती एवं 7 विक्रताओं के प्राधिकार पत्र निरस्त तथा 5 फ़र्मों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई।

उर्वरक जब्ती कार्यवाही के अन्तर्गत बिना प्राधिकार पत्र के बंसल खाद बीज भण्डार, सीकरी डीग के सात अवैध गोदामों पर डीएपी के 3639, यूरिया के 7046, एसएसपी के 540 एवं जिंक सल्फेट के 20 कट्टे जब्त कर जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट से राजसात करवा दिया गया है।

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जयपुर जिले में एनपीके एवं जिंक सल्फेट के कुल 41.51 मीट्रिक टन जब्त कर एवं बीकानेर में अवैध गोदामों से नकली डीएपी एवं पोटाश ड्राईव्ड फ्रोम मोलासिस (पीडीएम) के 305 कट्टे जब्त किये गये। कार्यालय जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जयपुर एवं बीकानेर में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत  इस्तगासा दायर किया गया। राज्य में रबी सीजन 2024-2025 के दौरान उर्वरकों की गुणवत्ता युक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु 23 नवम्बर से 30 नवम्बर तक पुनः विशेष गुण नियंत्रण अभियान संचालित किया जायेगा।

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