डिग्गी अनुदान: 1900 किसानों को दी जाएगी डिग्गी निर्माण के लिए 85 प्रतिशत तक सब्सिडी, जाने क्या है पूरी योजना

अनुदान पर डिग्गी निर्माण की योजना

देश में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है, इस कड़ी में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान सरकार डिग्गी निर्माण के लिए भारी अनुदान दे रही है। कृषि आयुक्तालय राजस्थान जयपुर द्वारा वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के अंतर्गत राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत डिग्गी निर्माण कार्यक्रम क्रियान्वयन हेतु विभागीय दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

राजस्थान कृषि विभाग श्रीगंगानगर के संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. जीआर मटोरिया ने बताया कि डिग्गी निर्माण के लक्ष्य 1555 से बढ़ाकर 1900 कर दिए गए हैं। नहरी जल के संरक्षण एवं कुशलतम उपयोग के लिए डिग्गी निर्माण के लिए किसानों को अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। 

डिग्गी निर्माण के लिए कितना अनुदान (Subsidy) मिलेगा

मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन अन्तर्गत कृषकों को डिग्गी निर्माण पर अधिकतम 3.40 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। इसमें कृषकों में न्यूनतम 40 प्रतिशत लघु एवं सीमान्त कृषकों को लाभान्वित किया जाएगा। 

डिग्गी पर देय अनुदान राशि लघु एवं सीमान्त किसान के लिए लागत का 85 प्रतिशत या अधिकतम 3,40,000 रुपए, जो भी कम हो दिया जाएगा। इसमें लघु एवं सीमान्त कृषकों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि शामिल है। अन्य किसानों के लिए लागत का 75 प्रतिशत या अधिकतम राशि रूपये 3,00,000 जो भी कम हो मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत दी जाएगी।

इन किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

योजना के तहत किसानों को लाभ देने के लिए सरकार ने कुछ शर्तें रखीं हैं, इन्हें पूरा करने वाले किसान ही योजना का लाभ ले सकते हैं। जो इस प्रकार है:-

  • समस्त नहरी क्षेत्र के किसान जहां सिंचाई बारी स्वीकृत हो वो अनुदान के पात्र होंगे।
  • जो किसान सिंचित क्षेत्र में राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर भूमि का स्वामित्व रखते हैं तथा सामान्य या विशिष्ट आवंटी, गैर खातेदार हैं, अनुदान के पात्र होंगे।
  • आवेदनकर्ता किसान के पास न्यूनतम आधा हेक्टेयर (2 बीघा) सिंचित कृषि योग्य भूमि होना आवश्यक है।
  • डिग्गी निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्व में अनुदान से लाभान्वित किसान दुबारा डिग्गी निर्माण के लिए अनुदान हेतु पात्र नहीं होगा।
  • किसानों द्वारा डिग्गी निर्माण के साथ स्प्रिंकलर/डिप्र/माइक्रो स्प्रिंकलर संयंत्र स्थापित किया जाना आवश्यक है, स्थापित यंत्र पर अनुदान भौतिक सत्यापन उपरांत माइक्रो इरिगेशन योजना के तहत देय होगा।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज 

ऑनलाइन किए जाने वाले आवेदन पत्र के साथ कृषक को नवीनतम जमाबंदी की नकल जो कि 6 माह से अधिक पुरानी ना हो एवं जिस खसरे में डिग्गी बनानी है, उसका राजस्व विभाग द्वारा जारी नक्शा अपलोड करना होगा। कृषक को अनुदान हेतु जन-आधार कार्ड संख्या देना अनिवार्य होगा। 

जिन किसानों का जन-आधार पर लघु एवं सीमांत कृषक श्रेणी में पंजीयन है उनको ही लघु एवं सीमांत कृषक मानते हुए अनुदान हेतु पात्र समझा जाएगा। यदि जनाधार में लघु या सीमांत कृषक के पंजीयन की सुविधा नहीं हो तो ऐसी स्थिति में कृषकों को आवेदन के समय सक्षम अधिकारी से जारी लघु या सीमांत श्रेणी कृषक का प्रमाण पत्र साथ लगाना होगा।

डिग्गी अनुदान के लिए आवेदन कैसे करें?

कृषि विभाग श्रीगंगानगर के संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. जीआर मटोरिया ने बताया कि किसान नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर अथवा स्वयं के स्तर पर राज किसान साथी पोर्टल पर जन-आधार नंबर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र को ई-प्रपत्र में भरा जाएगा एवं आवश्यक दस्तावेज को स्कैन कर अपलोड करना होगा। आवेदक को आवेदन पत्र की प्राप्ति रसीद ऑनलाइन प्राप्त होगी। आधार में पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस भी प्राप्त होगा।

आवेदन पत्र की ऑनलाइन जांच के समय आवेदन में कोई कमी पाए जाने पर आवेदक को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर इसका एसएमएस भेजा जाएगा। आवेदक को 15 दिवस के अंदर राज किसान साथी पोर्टल पर कमी की पूर्ति करनी होगी अन्यथा 15 दिवस के बाद आवेदन निरस्त हो जाएगा। आवेदनकर्ता आवेदन के पश्चात राज किसान सुविधा मोबाइल एप पर आवेदन की स्थिति की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन प्रपत्र नहीं लिए जाएंगे।

4 लाख लीटर क्षमता के डिग्गी निर्माण के लिए मिलेगा अनुदान 

डॉ. मटोरिया ने बताया कि अनुदान के लिए डिग्गी की न्यूनतम भराव क्षमता 4 लाख लीटर की होनी आवश्यक है। प्लास्टिक लाइनिंग डिग्गी निर्माण में प्लास्टिक शीट आई.एस.आई मार्क का एलडीपीई 500 माइक्रोन या अधिक एल.सी.एल. यू.वी. या एचडीपीई प्लास्टिक शीट बी.आई.एस गुणवत्ता न्यूनतम 500 माइक्रोन का उपयोग अनिवार्य है।
आवेदन पत्र डेढ़ गुना से अधिक आने पर रेंडमाइजेशन कर लॉटरी निकाली जाएगी।

प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के पश्चात निर्मित डिग्गी पर ही अनुदान देय होगा। प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के दिनांक से पहले निर्मित डिग्गी पर कोई अनुदान देय नहीं होगा। कृषि आयुक्तालय जयपुर के आदेशानुसार श्रीगंगानगर जिले में डिग्गी निर्माण के लक्ष्य 1555 से बढ़ाकर 1900 कर दिए गए हैं, जिससे जिले के ओर अधिक कृषक योजना का लाभ लेकर सिंचाई जल का कुशलतम उपयोग कर सकेंगे।

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