बजट 2018 : किसानों के लिए घोषनाएँ और किसानों की मांग 

बजट 2018 : किसानों के लिए घोषनाएँ और किसानों की मांग 

2018-19 का बजट प्रस्ताव आ गया है | इसमे किसानों के लिए बहुत कुछ घोषणा कि गई  है |  वित्तमंत्री ने अपने भाषण के शुरुआत में ही किसानों को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की| संसद में बजट पेश करते हुए अरुण जेटली ने किसानों के लिए उनके आय से लेकर उनकी खेती तक कई जरूरी मसलों को भी सामने रखा | इस वर्ष सरकार ने किसान को ध्यान में रखते हुए बजट की घोषणा की है | किसान समाधान आप के लिए 2018-19 के बजट की मुख्या बातें एवं वह किसानों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती हैं

सरकार ने रबी फसल में लागत का 1.5 गुना देने का ऐलान किया है |

सरकार ने लागत का 1.5 गुना देने की ऐलान किया है लेकिन वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया की लागत कैसे जोडा जायेगा | इसमें भूमि की कीमत, किसान परिवार की  खुद का मजदूरी वह भी कुशल मजदूरी के अनुसार मजदूरी | इसके बाद किसान के द्वारा जो खेत में लागत होता है तथा जोखिम मूल्य भी जोड़ा जाना था | यह सभी बात पर कोई चर्चा नहीं अभी नहीं हुई है  |

  1. सरकार किसानों को 11 लाख करोड़ कृषि कर्ज 2017-18 में दिया जायेगा |

पिछले वर्ष भी सरकार ने 10 लाख करोड़ दिया था लेकिन किसानों तक नहीं पहुंचा| क्योंकि कृषि तथा किसान की  कोई सरकारी व्याख्या नहीं है | जिससे कृषि से जुड़े कंपनियों को फायदा होता है | जैसे बीज उत्पादन कम्पनियों को , कीटनाशक दवा बनाने वाली कम्पनियों को फायदा होता है और किसान को कुछ नहीं मिलता है | इस कृषि कर्ज में ब्याज दर में कोई कमी नहीं किया गया है |

  1. सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड को पशुपालन तथा मच्छली पालन के लिए भी होगा |

किसान क्रेडिट कार्ड योजना अभी तक केवल फसल उत्पादन के लिए होता है | इससे किसान को कोई ज्यादा फायदा नहीं हो पता है क्योंकि किसान के फसल का लागत मूल्य नहीं मिल पता है जिसके कारण किसान डिफाल्टर हो जाता है | यही स्थिति पशुपालन तथा मच्छली पालन में भी होगी क्योंकि गाय तथा भैस के दूध की कीमत 18 से 30 रूपये तक अभी मिल पा रहा है | और यही हाल रहा तो फसलों  के बाद पशुपालन तथा मच्छली पालन कर रहे किसनों का होगा | इसमें वित्त मंत्री ने डिफाल्टर किसानों के लिए कुछ नहीं दिया है |

  1. सरकार आलू, प्याज भंडारण (ग्रीन फ़ूड) के लिए 500 करोड़ रुपया दिया गया है |

यह पैसा ऊंट के मुह में जीरा के समान है | केंद्र सरकार ने जितना दिया है | उतना पैसा में तो एक राज्य का भंडारण भी पूरा नहीं हो पायेगा | सरकार ने आलू और प्याज के लिए किसी भी तरह का न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं किया है | इसका मतलब की आलू और प्याज बाजार के ऊपर छोड़ दिया गया है | जिससे किसान आगे भी आलू और प्याज रोड पर फेकते हुए देखा जायेगा |

  1. सरकार ने प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के लिए 26,00 करोड़ रुपया दिया है जो 96 जिलों में लागू किया जायेगा |

पिछले वर्ष यह योजना 46 जिलों में लागू था लेकिन कहीं पर भी इसका असर नहीं देखा गया है | वित्त मंत्रीं ने यह नहीं बताया की इस योजना से कितने किसान लाभान्वित हुआ तथा कितना कृषि भूमि सिंचित हुई है | इस योजना का सही आकलन नहीं किया जा सका है |

किसान को क्या क्या मिलना चाहिए था जिसकी किसान को उम्मीद थी  |

  1. कृषि कर्ज माफ़ी नहीं किया गया है | जिसकी उम्मीद किसान को सबसे अधिक थी | देश के ज्यादातर किसान डिफाल्टर हो चूका है जिससे किसान को किसी भी तरह का कर्ज नहीं मिलेगा और किसान की आत्महत्या और बढ़ सकती है |
  2. किसानों को लागत का 50% मुनाफा देने की उमीद थी लेकिन सरकार ने नहीं दिया है रबी फसल पर देने की बात कही है लेकिन वह स्पष्ट नहीं है यानि स्वामीनाथन रिपोर्ट पर किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है |
  3. कृषि कर्ज में किसी भी तरह का KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) ब्याज में कमी नहीं की गई है |
  4. किसानों के लिए कृषि विश्वविध्यालय की कोई भी घोषणा नहीं कि गयी है |
  5. किसानों का किसी भी तरह का पेंशन नहीं दिया गया है |
  6. कृषि बीमा के बारे में कुछ भी नहीं बोला गया है | किसानों को बहुत ही ज्यादा उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री फसल बीमा येच्छिक की जाएगी लेकिन एसा कुछ भी नहीं हुआ |

सम्बंधित लेख

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Stay Connected

217,837FansLike
500FollowersFollow
866FollowersFollow
54,100SubscribersSubscribe

Latest Articles

ऐप इंस्टाल करें