Home विशेषज्ञ सलाह अनुदान पर मखाना की खेती कर अपनी आमदनी बढायें किसान

अनुदान पर मखाना की खेती कर अपनी आमदनी बढायें किसान

मखाना की खेती कर अपनी आमदनी बढायें किसान

माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डा. प्रेम कुमार ने कहा की मखाना जलाशयों, तलाबों, रुके हुए पानी में पैदा होने वाला एक अत्यंत ही पौष्टिक एवं पूर्णरूपेण प्राकृतिक, बिना किसी रसायन के प्रयोग से उत्पन्न होने वाली स्वस्थ, शुद्ध एवं गुणकारी नगदी फसल है | राज्य सरकार द्वारा राज्य में मखाना उत्पादक कृषकों की आमदनी बढ़ाने हेतु राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना अंतर्गत मखाना का क्षेत्र विस्तार अवयव को शामिल किया गया है | इसके तहत मखाना उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा |

डा. प्रेम कुमार ने कहा कि मखाना अत्यधिक पोषक तत्वों  से भरपूर होता है | इसमें उत्तम गुणवक्ता का सुपाच्य प्रोटीन प्रचुर मात्रा 10 से 12 प्रतिशत तक होता है, जिसमें आवश्यक अमीनो अम्लो का सूचकांक 90 प्रतिशत के आस – पास होता है , जो इस प्रोटीन गुणवत्ता के प्रसंग में मछली / मांस के समतुल्य स्थापित करता है | मखाना प्रसंस्कृत उत्पाद के रूप में सुखे फल की तरह बाजारों में उपलब्ध होता है | मखाना लावा में उर्जावान 328 किलो कैलोरी प्रति 100 ग्राम होता है |

खेती कैसे करें 

मखाना की पहचान पानी की सतह पर फैले कांटेदार बड़े आकर के गोलाकार पत्र एवं आकर्षक फूलों से की जाती है | देश में मखाना उत्पादन का कुल 80 से 90 प्रतिशत उत्पादन बिहार में होता है | दरभंगा में उत्पादन होने वाला मखाना उत्तम कोटि का मन जाता है | उत्तर बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में सामाजिक एवं धार्मिक अनुष्ठानों में मखाना का एक विशिष्ट स्थान है |

बिहार में मखाना लगाने का आदर्श समय दिसम्बर – जनवरी माह है | इसी अवधि में मखाना उत्पादक जिलों दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णियाँ एवं कटिहार में मखाना उत्पादन करने वाले किसान स्थिर जल ग्रहण क्षेत्र, तलाब अथवा गहरे खेत में मखाना का रोपण करते हैं |

दिया जाने वाला अनुदान 

डा. प्रेम कुमार ने कहा की मखाना का क्षेत्र विस्तार तालाब प्रणाली के साथ – साथ खेत प्रणाली के साथ भी किया जा सकता है | राज्य में वित्तीय वर्ष 2017 – 18 में मखाना की खेती, तलाब प्रणाली के तहत 100 हैक्टेयर तथा खेत प्रणाली के तहत 500 हैक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | तलाब प्रणाली अन्तर्गत प्रति हैक्टेयर इकाई लागत 26,800 रु. का 50 प्रतिशत अधिकतम 13,400 रु. प्रति हैक्टेयर सहायतानुदान का प्रावधान किया गया है | इसी प्रकार, मखाना की खेत प्रणाली में किसानों को इकाई लागत 32040 रु. का 50 प्रतिशत अधिकतम 16020 रु. प्रति हैक्टेयर सहायतानुदान दिया जायेगा | इच्छुक कृषक अपने जिले के सहायक निदेशक उद्धान के कार्यालय से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है |

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