फसल अवशेष के सही उपयोग से होने वाले लाभ
फसल अवशेष प्रबंधन आज की जरुरत बन चूका है क्योंकि फसलों के अवशेष को जलाने से वायु प्रदुषण में लगातार वृधि हो रही है इसे लेकर सरकार ने भी अब किसानों के ऊपर कार्यवाही करना प्रारंभ कर दिया है | हाल में ही हरयाणा सरकार ने अवशेष जलाने वाले किसानों पर 27,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है | सरकार लगातार किसानों से अपील कर रही है की फसल अवशेष को न जलाएं |
अवशेष जलाने से खेत की मिट्टी के साथ- साथ वातावरण पर भी दुष्प्रभाव पड़ते हैं | जैसे: मृदा के तापमान में वृद्धि, मृदा की सतह का सख्त होना, मुख्य पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश की उपलब्धता में कमी एवं अत्यधिक मात्रा में वायु प्रदूषण आदि जैसे नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं| इसलिए किसानों को फसल अवशेष जलाने से बचना चाहिए और इनका उपयोग मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए करना चाहिए| यदि इन अवशेषों को सही ढंग से खेती में उपयोग करें तो इसके द्वारा हम पोषक तत्वों के एक बहुत बड़े अंश की पूर्ति इन अवशेषों के माध्यम से पूरा कर सकते हैं।
फसल अवशेष का सही उपयोग
परिस्थितिकी में पोषक तत्थों का पुन: चक्र एक आवश्यक घटक है। यदि किसान उपलब्ध फसल अवशेषों को जलाने की बजाए उनको वापस भूमि में मिला देते हैं तो निम्न लाभ प्राप्त होते है।
मृदा के भौतिक गुणों में सुधार
फसल अवशेषों को मिलाने से मृदा की परत में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढऩे से मृदा सतह की कठोरता कम होती है तथा जलधारण क्षमता एवं मृदा में वायु-संचरण में वृद्धि होती है।
मिट्टी की उर्वराशक्ति में सुधार
फसल अवशेषों को मृदा में मिलाने से मृदा के रसायनिक गुण जैसे उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा, मृदा की विद्युत चालकता एवं मृदा पीएच में सुधार होता है।
कार्बनिक पदार्थ की उपलब्धता में वृद्धि
कार्बनिक पदार्थ ही एकमात्र ऐसा स्रोत है जिसके द्वारा मृदा में उपस्थित विभिन्न पोषक तत्व फसलों को उपलब्ध हो पाते हैं तथा कम्बाइन द्वारा कटाई किए गए प्रक्षेत्र उत्पादित अनाज की तुलना में लगभग 1.29 गुना अन्य फसल अवशेष होते हैं। ये खेत में सड़कर मृदा कार्बनिक पदार्थ की मात्रा में वृद्धि करते हैं।
पोषक तत्वों की उपलब्धता में वृद्धि
अवशेषों में लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्वों के साथ 0.45 प्रतिशत नाइट्रोजन की मात्रा पाई जाती है, जो कि एक प्रमुख पोषक तत्व है।
उत्पादकता में वृद्धि
फसल अवशेषों को मृदा में मिलाने पर आने वाली फसलों की उत्पादकता में भी काफी मात्रा में वृद्धि होती है। अत: मृदा स्वास्थ्य पर्यावरण एवं फसल उत्पादकता को देखते हुए फसल अवशेषों को जलाने की बजाए भूमि में मिला देने से काफी लाभ होता है।
यदि फसल अवशेषों को खेत की मिट्टी में वापस मिला दिया जाये तो उसमें नीचे तालिका में दिए गए अनुसार उर्वरकों की मात्रा प्राप्त होती है|
फसलों के विभिन्न अवशेषों में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश की मात्रा