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गुरूवार, मार्च 28, 2024
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राफेल हेलिकाप्टर से भी ज्यादा बड़ा घोटाला है: पी. साईनाथान

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राफेल हेलिकाप्टर से भी ज्यादा बड़ा घोटाला है: पी. साईनाथान

पत्रकारिता छोड़ किसानों के लिए काम करने वाले पी. साईनाथान ने एक बात का खुलासा किया है की देश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राफेल हेलिकाप्टर घोटाला से भी ज्यादा बड़ा घोटाला है | देश के प्रधानमंत्री के महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में निजी कंपनियों को फायदा पहुचाने के लिए है | इस योजना में निजी कम्पनी को बिना एक रुपया का निवेश किये करोड़ो रुपया का शुद्ध मुनाफा है | पी. सईनाथान ने अहमदाबाद में एक किसान संगठन को संबोधित करते हुये बताया की फसल बीमा योजना देश का सबसे बड़ा घोटाला है |

महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुये सईनाथान ने कहा की, तक़रीबन 2.80 लाख किसानों ने अपने खेतों में सोया उगाया था एक जिले के किसानों ने 19.2 करोड़ रूपये का प्रीमियम ऐड किया | इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 77 – 77 करोड़ रूपये यानि कुल 173 करोड़ रूपये बीमा के लिए रिलायंस इंश्योरेंस को दिए जाते हैं |

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उन्होंने आगे कहा की किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई और बीमा कंपनी ने किसानों को पैसे का भुगतान एक जिले में रिलायंस ने 30 करोड़ रूपये दिए , जिससे बिना एक पैसे लगाए उसे कुल 143 करोड़ रूपये का लाभ मिला | अब इस हिसाब से हर जिले को किए गए भुकतान और कंपनी को हुए लाभ का अनुमान लगाया जा सकता है |

इसके अलावा पी. सईनाथान ने कहा की पिछले 20 वर्षों में प्रत्येक दिन 2 हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं | एसे किसानों की संख्या लगातार घाट रही है जो अपनी भूमि पर खेती कर रहे हों | एसे किसानों की संख्या बढ़ रही है जो किराये पर जमीं लेकर खेती कर रहे हैं |

इन किरायेदार किसानों में से 80% कर्ज में दुबे हुये हैं | किसान अपनी भूमि को धीरे – धीरे कार्पोरेट को बेच रही है | महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुये बताये की इस प्रदेश में 55% आबादी ग्रामीण हैं | राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) भी नकद मुंबई में बात रहा है जहां खेती किसानी है ही नहीं | किसानों के आत्म हत्या के मुद्दे पर पी. सईनाथान ने कहा की 1995 से 2015 के बीच लगभग 3.10 लाख किसान आत्महत्या की है | यह सरकार आत्महत्या के आकड़ों को पिछले 2 वर्ष से सार्वजनिक नहीं कर रही है |

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2 टिप्पणी

  1. मप्र के किसानों की हालत इस समय बद से वदतर क्योंकि यहाँ जमीन किराए पर लेकर ज्यादा करते है और फसल बीमा का प्रीमियम तो बैंकों मे काट लिया जाता है लेकिन किसान को अभी तक ये पता ही नहीं. है कि हमारा बीमा किस कम्पनी ने किया है मैने धान की फसल लगाई. थी पूरी लागत लगा चुका बारिष न होने के कारण मेरी.फसल सूख गई लेकिन बीमा बालो का पता ही नहीं और भी ऐसे हजारों लाखों किसान है जिनका नुकसान हुआ है । प्रधानमंत्री फसलबीमा योजना एक ढकोसला और किसान को लूटने की योजना है ।

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