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अधिक बारिश से हुए फसल नुकसान पर 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा दिया जाएगा

baadh se hue faslon ke nuksan par kitna paisa diya jayega

बाढ़ प्रभावित किसानों को सरकार देगी 15 अक्टूबर तक देगी मुआवजा

वर्ष 2019 में कुछ जगहों पर अति वृष्टि ने पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, इससे किसानों की फसलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है | यहाँ तक की बाढ़ में कई फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है | ऐसे में किसानों को सरकार से आस है | अब देखना यह है की क्या सरकार सभी किसानों की मदद कर पायेगी या नहीं | वैसे मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए राहत कार्य की शुरुआत कर दी है |

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि 15 अक्टूबर तक सभी बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा वितरित कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुआवजे के लिए पहले के समान भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार पीड़ितों के पास जाएगी, उन्हें सरकार के पास नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ के कारण पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, उन्हें आरबीसी 6(4) के प्रावधानों के तहत 8 हजार से लेकर 30 हजार रुपए तक प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार मदद नहीं देगी, तो राज्य सरकार अपने बजट में कटौती कर बाढ़ प्रभावितों की मदद करेगी। श्री कमल नाथ आज अतिवृष्टि से सर्वाधिक प्रभावित नीमच जिले के ग्राम रामपुरा में बाढ़ राहत शिविर में बाढ़ प्रभावितों से चर्चा कर रहे थे।

15 अक्टूबर तक सभी को मिलेगी राहत

मुख्यमंत्री ने कहा कि मालवा, निमाड़, नीमच और मंदसौर क्षेत्र में इस बार इतिहास में सर्वाधिक भारी बारिश हुई है। इससे जो नुकसान हुआ है, वह भी बड़ा है। हम इसका आकलन कर रहे हैं। राज्य सरकार ने केन्द्र की मदद का इंतजार किए बिना राहत देने का काम 22 सितम्बर से शुरु कर दिया है। अगले 15 अक्टूबर तक हर प्रभावित व्यक्ति को मदद दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपके साथ है। आपके दु:ख दर्द, पीड़ा और समस्या के समाधान के लिये सरकार आपके साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि बाढ़ की विभीषिका के दौरान वे हर घंटे की स्थिति की जानकारी ले रहे थे और जिला प्रशासन से निरंतर संपर्क में थे।

 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा एवं बीज दिए जाएंगे

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने नीमच जिले में बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात के दौरान कहा कि सरकार ने प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान से लोगों को राहत पहुँचाने केलिए भारत सरकार से मदद देने की माँग की है, लेकिन हमें वहाँ से कोई मदद मिले या न मिले, भले ही हमें बजट में कटौती करना पड़े, हम किसानों और बाढ़ प्रभावितों को पूरी मदद देंगे। उन्होंने कहा कि सोयाबीन, मूंग, उड़द और सब्जियों की फसल को जो नुकसान पहुँचा है, उसमें भी सरकार पूरी मदद देगी। श्री नाथ ने बताया कि आरबीसी 6(4) के प्रावधानों के अनुसार 2 हेक्टेयर से कम भूमि वाले और 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों की सिंचित/असिंचित भूमि में 33 से 50 प्रतिशत फसल की क्षति होने पर आठ हजार रुपए प्रति हेक्टेयर से लेकर 26 हजार रुपए प्रति हेक्टयर तक मुआवजा दिया जाएगा।

इसी तरह, 50 प्रतिशत से अधिक फसल की क्षति होने पर विभिन्न फसलों के लिए 16 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर से लेकर 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा दिया जाएगा। सभी प्रभावित किसानों के खातों में 15 अक्टूबर तक राशि पहुँच जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन किसानों का पानी भर जाने के कारण गेहूँ, चना, सरसों, मटर, मसूर, अलसी आदि के बीजों को भंडारण खराब हो गया है, उन्हें आगामी रबी फसल के लिए उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे।

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23 COMMENTS

    • किस राज्य से हैं ? सरकार के द्वारा ही सर्वे किया जाता है ? पटवारी या लेखपाल से सम्पर्क करें या ब्लाक या जिले के कृषि विभाग में नुकसानी की सूचना दें |

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