असमय बारिश एवं ओलावृष्टि का मुआवजा
बेमौसम बारिश तथा आंधी और ओलावृष्टि के कारण किसानों को रबी फसलों को काफी नुकसान हुआ था | उत्तर भारत के कई राज्य इस आपदा से प्रभावित रहें हैं | जिन राज्यों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागु है वहाँ के किसानों को बीमा राशि किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जा रही है | कुछ ऐसे भी राज्य हैं जहाँ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागु नहीं है | यहाँ पर राज्य सरकार ने किसानों को सहायता राशि प्रदान की गई है | इस तरह बिहार राज्य में फरवरी, मार्च तथा अप्रैल के माह में रबी फसल को काफी नुकसान हुआ था, राज्य सरकार के द्वारा इस नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन मांगे थे |
बिहार सरकार ने कृषि इनपुट योजना के तहत नुकसान हुए जिलों के किसानों से आवेदन मांगे थे | जिसके आधार पर किसानों को मुआवजा राशि दी जानी हैं | इसके लिए आवेदन फरवरी, मार्च तथा अप्रैल माह में किया जा रहा था | इसको लेकर सरकार ने बताया है कि राज्य में कुल 5,11,31,70,660 रूपये 15,93,320 किसानों के खातों में स्थान्तरित किए गये हैं | किसान समाधान इस योजना से बिहार के किसानों को दिये गये लाभ कि जानकारी लेकर आया है |
इन किसानों को दिया गया फसल नुकसानी का मुआवजा
इस वर्ष फरवरी, मार्च एवं अप्रैल माह में हुई असामयिक वर्षा/ आंधी / ओलावृष्टि के कारण क्षति की भरपाई हेतु अभी तक 15,93,320 किसानों के बैंक खाते में कृषि इनपुट अनुदान के रूप में 5,11,31,70,660 रूपये अंतरित कर दी गई है, जिनमें फरवरी माह में हुई फसल क्षति के लिए 10,95,122 किसानों के खातों में 3,77,97,31,084 रूपये तथा अप्रैल माह में हुई फसल क्षति के लिए 3,03,386 किसानों के खाते में 76,68,79,881 रूपये शामिल है |
इसके अलावा इस वर्ष अप्रैल माह में रबी मौसम असामयिक वर्षापात/ओलावृष्टि के कारण कृषि एवं बागवानी फसल अर्थात आम, लीची, फुल, सब्जी, पान आदि की खेती को हुए क्षति की भरपाई हेतु कृषि इनपुट अनुदान के लिए किसानों ने आवेदन किया है | इसकी जाँच चल रही है तथा जल्द ही कृषि इनपुट अनुदान दिया जायेगा |
कृषि इनपुट योजना के तहत शामिल जिले
कृषि इनपुट योजना के लिए फरवरी, मार्च तथा अप्रैल माह में आवेदन किया गया था | तीनों माह में जिलों की संख्या अलग–अलग थी |
फरवरी माह में इन 11 जिलों को किया गया था शामिल
भागलपुर, जहानाबाद, कैमूर, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, वैशाली, बक्सर, गया, मुजफ्फरपुर, पटना तथा औरंगाबाद, जिलों को शामिल किया गया था |
मार्च माह में 23 जिलों को शाकिया गया था शामिल
पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, भभुआ, गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चम्पारण, दरभंगा, समस्तीपुर, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, भागलपुर, बाँका, मधेपुरा तथा किशनगंज के 196 प्रखंडों को शमिल किया गया था |
अप्रैल माह में 19 जिलों को कृषि इनपुट के लिए शामिल किया गया था
गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, समस्तीपुर, बेगुसराय, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, किशनगंज तथा अररिया के प्रतिवेदित 148 प्रखंडों में खाद्यान के साथ – साथ बागवानी फसलों को क्षति हुई थी |
योजना के तहत दिया गया मुआवजा
प्रभावित जिलों के किसानों को कृषि इनपुट अनुदान वर्षाश्रित यानी असिंचित फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रूपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित क्षेत्र के लिए किसानों को 13,500 रूपये प्रति हेक्टेयर तथा शाश्वत फसल के लिए 18,000 रूपये हेक्टेयर की दर से यह अनुदान दिया जा रहा है | सरकार द्वारा प्रभावित किसानों को इस योजना के अंतर्गत फसल क्षेत्र के लिए कम से कम 1,000 रूपये अनुदान दिया जायेगा | यह पैसा किसान के आधार नंबर से जुड़े बैंक खाता में दिया गया है |
Up k sambhal jila m pradhanmantri fasal bima yojana Ka peisa Sarkar ne diya hai ya nahin
किस वर्ष का सर, फसल बीमा कंपनी या स्थानीय अधिकारीयों से सम्पर्क करें |