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गुरूवार, मार्च 28, 2024
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अधिक बारिश से पीड़ित किसान परिवारों को दिया गया 200 करोड़ रुपये का मुआवजा

अधिक बारिश से हुए फसल नुकसान का मुआवजा

इस वर्ष अति – वृष्टि के कारण देश के अलग–अलग राज्यों में बाढ़ का रूप ले लिया था | इस बारिश तथा बाढ़ से किसानों की फसल के अलावा घर, मवेशी आदि का नुकसान हुआ है | इस वर्ष देश के अलग – अलग राज्यों में अभी भी बारिश से फसलों का नुकसान हो रहा है | इस वर्ष की बारिश ने कई वर्षों का रिकार्ड भी तोड़ दिया है | किसानों को हुये आर्थिक नुकसानी से अगली फसल पर प्रभाव पड़ रहा है | इसके लिए बाढ़ पीड़ित राज्यों ने अपने–अपने राज्य के किसानों को आर्थिक मदद कर रही है | कई किसान अभी भी फसल नुकसान के मुआवजे की राह देख रहे हैं | बिहार एवं मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने किसानों की सहायता करना शुरू कर दिया है |

इसी के तहत बिहार राज्य सरकार राज्य के किसानों को 13,500 रुपया (प्रति हेक्टेयर) मदद कर रही है | जिसके लिए नवम्बर के प्रथम सप्ताह से किसानों के लिए आवेदन शुरू हो जायेंगे | इसके तहत सभी वर्ग के किसानों को शामिल किया गया है लेकिन यह केवल उन जिलों के लिए है जहाँ पर बाढ़ से किसान तथा खरीफ फसल की नुकसानी हुआ है |

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अभी तक मध्यप्रदेश किसानों को कितनी राशि दी गई है ?

इसी तरह मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के बाढ़ पीड़ित जिलों के किसानों के लिए आर्थिक रूप से मदद कर रही है | इसके तहत मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 6621.28 करोड़ रूपये की सहायता मांगी है | लेकिन अभी राज्य के किसानों को 200 करोड़ रुपया तत्काल राज्य सरकार द्वारा ही दिया जा रहा है |

प्रदेश के सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित जिलों में से मंदसौर, आगर और नीमच में फसल क्षति के लिए राशि का वितरण शुरू कर दिया गया है | इसके पहले भी इन जिलों को 270 करोड़ रूपये का वितरण किया जा चूका है |

अन्य किसानों को कब तक मुआवजा दिया जा सकता है ?

अति–वृष्टि और बाढ़ से हुई क्षति के विरुद्ध राहत वितरण और क्षतिग्रस्त भौतिक अधोसंरचनाओं की मरम्मत, पुनर्निर्माण और निर्माण आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा तेज गति से काम कर रही है | अक्टूबर में ही भारत सरकार से एनडीआरएफ से 6621 करोड़ 28 लाख अतिरिक्त राशि की मांग की गई है | वर्ष 2013, 2015 और 2017 में बाढ़ तथा सुखा पड़ने पर भारत सरकार को सहायता का मेमोरेण्डम नवम्बर महीने तक ही दिया गया था | केंद्र सरकार का अध्ययन दल 21 जिलों में दौरा कर अति – वृष्टि की तबाही देख चूका है |यह बात जानना जरुरी है कि मध्य प्रदेश को एनडीआरएफ की तरफ से सहायता राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है जबकि कर्नाटक और बिहार को सहायता राशि दी जा चुकी है |

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