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गुरूवार, अप्रैल 25, 2024
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बारिश ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी के लिए रखे जाएँगे क्षतिपूर्ति सहायक, किसानों को मिलेगा इतना मुआवजा

खराब फसलों की गिरदावरी के लिए क्षतिपूर्ति सहायक

देश में रबी फसलों की कटाई का काम ज़ोरों पर चल रहा है, ऐसे में किसानों को मार्च महीने एवं अप्रैल महीने की शुरुआत में हुए फसल नुकसान का आंकलन जल्द किया जा सके इसके लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। हरियाणा सरकार राज्य में खराब हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी कराने जा रही है। जिसके लिए सरकार ने क्षतिपूर्ति सहायक नियुक्त करने का निर्णय लिया है। जिससे गिरदावरी प्रक्रिया को तेज किया जा सके।

क्षतिपूर्ति सहायक को वेरिफिकेशन के लिए 500 एकड़ का ब्लॉक दिया जाएगा। क्षतिपूर्ति सहायक पटवारी के साथ मिलकर खराब हुई फसल की फोटो, लोकेशन और टाइम स्टांप लगाने का काम करेगा। इन क्षतिपूर्ति-सहायकों की नियुक्ति केवल इस गिरदावरी के लिए की जाएगी। इन क्षतिपूर्ति सहायकों को 500 एकड़ के ब्लॉक की गिरदावरी करने पर 5,000 रुपए दिए जाएंगे।

किसानों फसल नुकसान का कितना मुआवजा दिया जाएगा?

हरियाणा सरकार के नियमानुसार 25 से 50 प्रतिशत नुकसान होने पर 9,000 रुपए, 75 प्रतिशत तक 12,000 रुपए और 100 प्रतिशत नुकसान होने पर 15,000 रूपए प्रति एकड़ तक मुआवजा दिया जाता है। सरकार ने इस बार नुकसान की रिपोर्ट का पूरे राज्य-स्तर पर तैयार होने का इंतजार किए बिना जिला स्तर पर रिपोर्ट बनते ही ‘राज्य आपदा राहत फंड’ से मुआवजा वितरण का कार्य शुरू करने का फैसला लिया है।

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किसानों को कब तक दी जाएगी फसल नुकसान की राशि

हरियाणा सरकार ने बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी कराने का फैसला लिया है। साथ ही सरकार की तरफ से मई महीने तक किसानों को खराब हुई फसल का मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार किसानों को अविलंब राहत देना चाहती है, इसी के चलते फसलों को हुए नुकसान के जल्द आकलन के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। इस संबंध में उपायुक्तों को पारदर्शी तरीके से अविलंब क्षतिपूर्ति सहायक लगाने के आदेश जारी किए गए हैं।

16.83 लाख एकड़ में हुआ है फसलों को नुकसान

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री ने बताया कि फरवरी माह के अलावा 24 मार्च, 25 मार्च तथा 30 मार्च से 3 अप्रैल तक बेमौसमी बारिश तथा ओलावृष्टि के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। पिछले वर्ष राज्य सरकार द्वारा एक क्षतिपूर्ति पोर्टल बनाया गया था जिस पर स्वयं किसान द्वारा अपने नुकसान की रिपोर्ट को अपलोड करने की सुविधा दी गई है। अभी तक इस पोर्टल पर करीब 16.83 लाख एकड़ में नुकसान का आंकड़ा किसानों द्वारा दर्शाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा चरखी दादरी, जींद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, कैथल, सोनीपत में किसानों द्वारा अपलोड की गई रिपोर्ट के आधार पर एक-एक लाख एकड़ से ज्यादा फसल को नुकसान हुआ है।

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