देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार बागवानी फसलों जैसे फल-फूल और सब्जियों की खेती को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में अधिक से अधिक किसानों को इन फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भारी अनुदान भी दिया जा रहा है। इस कड़ी में उद्यानिकी विभाग बिहार सरकार द्वारा “क्लस्टर में बागवानी योजना” शुरू की गई है। योजना के तहत किसानों को विभिन्न फसलों की खेती के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
क्लस्टर में बागवानी योजना के तहत किसानों को अमरूद, आंवला, नींबू, बेल, लेमनग्रास, पपीता, गेंदा, ड्रैगन फ्रूट एवं स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुदान दिया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जिसके बाद चयनित किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।
योजना के तहत किसानों को कितना अनुदान मिलेगा
क्लस्टर में बागवानी योजना के तहत चयनित फसलों के लिए एक गांव में न्यूनतम 25 एकड़ में क्लस्टर बनाकर किसी एक फसल की खेती की जाएगी। इसमें किसानों को अमरूद, आँवला, नींबू, बेल, लेमनग्रास, पपीता एवं गेंदा फूल के लिए अधिकतम 1 लाख रुपये का सहायता अनुदान दिया जाएगा। वहीं ड्रैगन फ्रूट एवं स्ट्रॉबेरी के लिए अनुदान की राशि अधिकतम 2 लाख रुपये प्रति एकड़ होगी, जिसमें पौध सामग्री सम्मिलित है। योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) के लिए ही दिया जाएगा।
किसानों को अनुदान की राशि दो किस्तों में दी जाएगी। जिसमें पहली किस्त में 65 प्रतिशत एवं दूसरी किस्त में 35 प्रतिशत राशि दी जाएगी। गेंदा फूल, स्ट्रॉबेरी तथा पपीता के क्षेत्र विस्तार का लाभ गैर रैयत को भी दिया जायेगा, जिसके लिए उन्हें एकरारनामा उपस्थापित करना अनिवार्य होगा।
अनुदान हेतु आवेदन कहाँ करें?
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसान यह आवेदन उद्यानिकी विभाग के पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसानों के पास बिहार कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल से प्राप्त पंजीयन संख्या होनी चाहिए। ऑनलाइन आवेदन में आवेदक द्वारा अपलोड की गयी भूमि-स्वामित्व प्रमाण-पत्र/ राजस्व रसीद/एकरारनामा में किसी भी प्रकार की त्रुटि पाये जाने पर आवेदन रद्द कर दिया जायेगा तथा आवेदन रद्द करने का कारण ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज किया जाएगा।
इच्छुक कृषक आवेदन करने से पूर्व DBT में पंजीकृत बैंक खाता सम्बंधित विवरण की जाँच स्वयं कर लें। योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान अपने ब्लॉक या जिले के उद्यान निदेशालय के कार्यालय में सम्पर्क करें।