बदलती जलवायु में विभिन्न फसलों का उत्पादन बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। जिसको देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा नई-नई किस्मों का विकास किया जा रहा है, जो जलवायु अनुकूल होने के साथ ही विभिन्न कीट एवं रोगों के लिए प्रतिरोधी हैं। इस कड़ी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जलवायु अनुकूल 109 किस्में जारी की हैं। इन क़िस्मों में चावल की किस्म सीआर धान 416 भी शामिल है। धान की यह किस्म कीट एवं रोगों की प्रतिरोधी होने के चलते कम लागत में भी अच्छा उत्पादन देती है।
सीआर धान 416 का विकास आईसीएआर-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक, ओडिशा के द्वारा किया गया है। धान की यह किस्म पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात की जलवायु के लिए अनुकूल है। यहाँ के किसान धान की इस किस्म को लगाकर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। सीआर धान 416 की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार है।
सीआर धान 416 की विशेषताएँ
- धान की यह किस्म तटीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
- सीआर धान 416 किस्म 125-130 दिनों में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
- यह किस्म ब्राउन स्पॉट, नेक ब्लास्ट, शीथ सड़न, चावल टुंग्रो रोग, ग्लूमे डिस्कलरेशन के लिए मध्यम प्रतिरोधी एवं भूरे पौधे हॉपर, टिड्डी और तना छेदक के लिए प्रतिरोधी है।
- वहीं बात की जाए इसकी उत्पादन की क्षमता की तो इस किस्म से किसान औसतन 48.97 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं।
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