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मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत देने के लिए की यह घोषणाएं

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किसानों को जल्द दी जाएगी यह सहायता

किसानों के लिए वर्ष 2019 का खरीफ मौसम अच्छा नहीं रहा पहले तो बहुत कम बारिश हुई जिससे कुछ फसलों को नुकसान तो प्रारम्भ में ही हो गया था उसके बाद जब बारिश शुरू हुई तो बाढ़ में तब्दील हो गई | इस तरह बारिश की असमानता के चलते किसानों की पूरी फसल चोपट हो गई है | ऐसे में अब किसानों ने जो पैसे खरीफ फसल में लगाया था वह तो डूबा ही साथ ही अब उनके पास रबी की फसल लगाने के लिए भी पैसा नहीं है | ऐसे में किसानों के सरकार की मदद की जरुरत है | प्रदेश में यह हालत देखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों को सहायता देने के लिए यह घोशनाएँ की है |

बिजली बिल देगी सरकार

मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ की विपदा से प्रभावित लोगों को बिजली बिलों में राहत दी जाएगी। नया सवेरा योजना में पात्र परिवारों के 3 माह के बिजली बिलों को माफ किया जाएगा। उनके 300 रुपए तक के बिजली बिल सरकार चुकाएगी। जो लोग नया सवेरा योजना में पात्र नहीं होंगे, उन्हें प्रति परिवार बिजली बिल में 1000 रुपए तक की राशि सरकार देगी, जो उनके खाते में पहुँचेगी।

अगले छ: माह तक दिया जाएगा नि:शुल्क राशन

कमल नाथ ने कहा कि बाढ़ के कारण हजारों परिवारों का घर में संग्रहित राशन खराब हो गया है। उनके सामने राशन का संकट है। इसके लिए सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों को 50 किलो अनाज उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं। यह राशन लोगों तक पहुँच गया है। अगले छ: माह तक ऐसे परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जाएगा।

पशु हानि पर 30 हजार तक की मदद

बाढ़ के दौरान बड़े पैमाने पर पशुओं की मृत्यु हुई है। पशु मालिकों को राहत राशि दी जाएगी। गाय, भैंस, ऊँट इत्यादि की हानि पर 30 हजार रुपए तक और भेड़-बकरी की हानि होने पर 3 हजार रुपए प्रति पशु दिए जाएंगे। इसके अलावा, गैर-दुधारू पशु और गाय, भैंस की हानि के लिए भी सहायता राशि दी जाएगी। पशुओं की हानि होने पर नियमानुसार पोस्टमार्टम किया जाना आवश्यक है, परंतु बाढ़ में कई किसानों के पशु बह गए हैं, जिनका पोस्ट मार्टम व्यावहारिक रूप से किया जाना संभव नहीं है। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया गया है कि पशु क्षति पर राहत राशि पंचनामा के आधार पर ही दी जाएगी।

2 लाख तक के ऋण 15 अक्टूबर तक होंगे माफ

ऋण माफी योजना में 50 हजार तक की ऋण माफी की सीमा को दो लाख रुपए तक बढ़ा दिया गया है। यह ऋण 15 अक्टूबर तक माफ कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि नीमच जिले में 54 हजार 361 किसानों का बीमा किया गया है। इन्हें बीमा की दावा राशि दिलवाई जाएगी।

30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा दिया जाएगा

बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात के दौरान कहा कि सरकार ने प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान से लोगों को राहत पहुँचाने केलिए भारत सरकार से मदद देने की माँग की है, लेकिन हमें वहाँ से कोई मदद मिले या न मिले, भले ही हमें बजट में कटौती करना पड़े, हम किसानों और बाढ़ प्रभावितों को पूरी मदद देंगे। उन्होंने कहा कि सोयाबीन, मूंग, उड़द और सब्जियों की फसल को जो नुकसान पहुँचा है, उसमें भी सरकार पूरी मदद देगी। श्री

नाथ ने बताया कि आरबीसी 6(4) के प्रावधानों के अनुसार 2 हेक्टेयर से कम भूमि वाले और 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों की सिंचित/असिंचित भूमि में 33 से 50 प्रतिशत फसल की क्षति होने पर आठ हजार रुपए प्रति हेक्टेयर से लेकर 26 हजार रुपए प्रति हेक्टयर तक मुआवजा दिया जाएगा। इसी तरह, 50 प्रतिशत से अधिक फसल की क्षति होने पर विभिन्न फसलों के लिए 16 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर से लेकर 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा दिया जाएगा।

रबी फसल हेतु बीज देगी सरकार

जिन किसानों का पानी भर जाने के कारण गेहूँ, चना, सरसों, मटर, मसूर, अलसी आदि के बीजों को भंडारण खराब हो गया है, उन्हें आगामी रबी फसल के लिए उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे।

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3 COMMENTS

  1. सतना जिले मेंअतिवृष्टि से मूंग उड़द तिल सोयाबीन कि फसल पूरी खराब हो गई है।जिले के किसानों को बीमा व मुआवजा मिलेगा की नहीं।

  2. क्या यह घोषणा हरदा जिले की चारो तहसील के लिए भी हुई है,जो अत्यधिक वर्षा से प्रभावित हुई है?
    इस बारे में इस सही जानकारी प्रदान करे।

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