तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित करने के लिए आंकलन
इस वर्ष कई राज्यों के जिलों में अतिवृष्टि के चलते फसलों को नुकसान हुआ है वहीं कई ज़िले ऐसे भी है जिनमें बहुत कम वर्षा हुई है, जिसके चलते किसान खरीफ फसलों की बुआई तक नहीं कर पाएँ हैं। इन राज्यों में झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल आदि शामिल हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के भी कई ज़िलों में बहुत कम वर्षा हुई है जिसको लेकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में औसत से कम बारिश वाली तहसीलों में फसलों की स्थिति का नजरी आकलन कराने के निर्देश दिए हैं।
इस वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य के 9 जिलों की 28 तहसीलों में 01 अगस्त 2022 की स्थिति में 60 प्रतिशत से कम औसत वर्षा हुई है, इनमें 8 तहसीलें ऐसी हैं जहां 40 फीसद से भी कम बारिश हुई है। ऐसी तहसीलों में फसलों का नजरी आकलन कराकर सूखा घोषित करने हेतु नियमानुसार शासन को एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।
किसानों को राहत पहुँचाने के लिए तैयार की जाएगी कार्य योजना
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को औसत से कम बारिश वाली तहसीलों का राहत मैन्युअल 2022 के प्रावधान के अनुसार फसलों का राजस्व, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के माध्यम से नजरी आकलन कराने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि औसत से कम बारिश वाली 28 तहसीलों में राहत कार्य शुरू कराने के लिए तत्काल कार्य योजना भी तैयार की जाए।
इस वर्ष राज्य में मानसून के कमजोर पड़ने तथा राज्य के उत्तरी हिस्से के जिलों विशेषकर सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर में अल्पवर्षा के चलते खरीफ की बोनी एवं फसलों की स्थिति प्रभावित हुई है।
इन तहसीलों की किया जा सकता है सूखा ग्रस्त घोषित
सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले की अम्बिकापुर, मैनपाट एवं सीतापुर, सूरजपुर जिले की लटोरी, बलरामपुर जिले की बलरामपुर, कुसमी एवं वाड्रफनगर, जशपुर जिले की दुलदुला, जशपुर, पत्थलगांव, सन्ना, कुनकुरी एवं कांसाबेल, रायपुर जिले की रायपुर एवं आरंग, कोरिया जिले की सोनहत, कोरबा जिले के दर्री, बेमेतरा जिले की बेरला तथा सुकमा जिले की गादीरास एवं कोण्टा तहसील में 60 प्रतिशत से कम बारिश हुई है, जबकि सरगुजा जिले की लुण्ड्रा, दरिमा, एवं बतौली, सूरजपुर जिले की प्रतापपुर एवं बिहारपुर तथा बलरामपुर जिले की शंकरगढ़, रामानुजगंज एवं राजपुर ऐसी तहसीलें हैं जहां चालू वर्षा मौसम में 01 अगस्त की स्थिति में 40 फीसद से कम बारिश दर्ज की गई है।