राजीव गांधी कृषक साथी योजना के तहत राशि का वितरण
कृषि कार्य करते हुए कई बार किसान दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में कभी-कभी या तो किसानों की मौत हो जाती है या शारीरिक क्षति या दिव्यांग हो जाते है। जिससे एक किसान परिवार को काफी आर्थिक क्षति होती है। इस आर्थिक क्षति की भरपाई एवं किसान परिवार को सामाजिक आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। जिसमें राजस्थान राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी कृषक साथी योजना चलाई जा रही है।
योजना के तहत कृषि कार्य करते हुए दुर्घटना का शिकार होने पर किसानों और खेतिहर मजदूरों द्वारा कृषि कार्य या मंडी में काम करते समय दुर्घटना में मृत्यु या अंग-भंग होने पर उन्हें या उनके परिवार को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। खेत में काम करते समय किसी जहरीले जानवर के काटने से किसान को नुकसान होने पर भी मदद मिलती है। किसान या कृषि मजदूर की मौत हो जाने पर उसके परिवार को आर्थिक सहायता राशि दी जाती है।
आश्रित किसान परिवार को दिए गए 2 लाख रुपए का चेक
राजस्थान के राजस्व मंत्री श्री रामलाल जाट ने अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र मांडल के विभिन्न क्षेत्रों के 15 आश्रितों को राजीव गांधी कृषक साथी योजना के तहत दो-दो लाख रुपए के चेक वितरित किए। राजस्व मंत्री ने आमजन को राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने को कहा है।
इन दुर्घटनाओं के तहत दी जाती है मुआवजा राशि
राजीव गाँधी कृषक साथी सहायता योजना के तहत किसानों को कृषि कार्यों में दुर्घटना होने पर मुआवजा राशि दी जाती है। यह दुर्घटना कृषि कार्य करते हुए होना चाहिए। इसके अलावा सरकार ने योजना के तहत विभिन्न प्रकार के कृषि कार्यों को शामिल किया है:-
- खेत में फसलों के सिंचाई के दौरान करंट लगने से मृत्यु अथवा अंग–भंग होने पर,
- खेत पर कृषि व इससे जुड़े कार्य करते समय वन्य, पालतू या आवारा जानवर गोह, मधुमक्खी, बिच्छू एवं अन्य जंगली जानवर या कीट के काटने एवं हमला करने से मृत्यु या अंग–भंग होने पर भी योजना का लाभ मिलेगा।
- इसी प्रकार कृषि कार्य करते समय जैसे – फसल के बुआई के खेत की तैयारी, मेड़ निर्माण के समय, फसल से अनाज निकलते समय, चक्रवाती तूफ़ान अथवा बारिश के समय पेड़ के नीचे दब जाने से हुई दुर्घटना में अंग–भंग अथवा मृत्यु हो जाने की स्थिति को भी योजना में शामिल किया गया है।
किस दुर्घटना का शिकार होने पर किसानों को कितना मुआवजा दिया जाएगा?
राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के अंतर्गत कृषि कार्यों में दुर्घटना के बाद मुआवजा राशि दी जाती है। यह राशि अलग–अलग दुर्घटना के लिए अलग–अलग है:-
दुर्घटना | सहायता राशि |
मंडी प्रांगण में कार्यरत हमाल/पल्लेदार/मजदुर को किसी प्रकार का फ्रैक्चर होने पर | 5,000 |
एक उंगली कटने पर | 5,000 |
दो उंगली कटने पर | 10,000 |
तीन उंगली कटने पर | 15,000 |
चार उंगली काटने पर | 20,000 |
एक अंग जैसे हाथ, पाँव, आँख आदि भंग होने पर | 25,000 |
पुरुष अथवा महिला के बालों का आंशिक डी स्केलपिंग होने पर | 25,000 |
पुरुष अथवा महिला के बालों का डी स्केलपिंग होने पर | 40,000 |
रीड की हड्डी टूटने या सर पर चोट लगने पर | 50,000 |
दो अंग कटने पर जैसे हाँथ, पैर,आँख आदि | 50,000 |
मृत्यु होने पर | 2 लाख |
कृषक साथी योजना के तहत मुआवजा लेने के लिए कहाँ आवेदन करें
राजस्थान के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। दुर्घटना के बाद कुछ प्रक्रिया रहती है जिसे अपनाना जरुरी है। अगर किसान की दुर्घटना हो जाती है तो दुर्घटना का FIR करवाना तथा किसान मृत्यु की स्थिति में FIR के अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आवश्यक है। दुर्घटना होने पर विकलांग होने पर FIR की कॉपी अगर मृत्यु हो जाती है तो FIR की कॉपी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट मंडी समिति में जमा करानी होती है | इसके बाद आगे की करवाई अपने आप हो जाती है। घटना के सत्यापन पाए जाने पर किसान के परिवार को सहायता राशि मिल जाती है।