तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही फसलों के विविधीकरण के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित खाद्य तेल-तेलहन योजना के तहत बिहार में तेलहन फसलों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। योजना का उद्देश्य न केवल तेलहन फसलों के आच्छादन क्षेत्र में वृद्धि लाना है, बल्कि किसानों की आय में भी स्थाई रूप से सुधार करना है।
कृषि मंत्री ने कहा की राज्य सरकार द्वारा खरीफ-2025 के दौरान सोयाबीन फसल को विशेष रूप से बढ़ावा देने के लिए तीन जिलों का चयन किया गया है। इसमें बेगूसराय, लखीसराय और खगड़िया जिला शामिल है। इन जिलों में 5,000 एकड़ भूमि पर फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है।
किसानों को सोयाबीन की खेती के लिए मिलेगा अनुदान
उप-मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना के तहत किसानों को 4,000 रुपए प्रति एकड़ अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही 355 क्विंटल प्रमाणित सोयाबीन बीज 100 प्रतिशत अनुदानित दर पर वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में सोयाबीन बीज उत्पादन को बढ़ावा देने तथा आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने हेतु भारत सरकार द्वारा 100 क्विंटल प्रजनक बीज उपलब्ध कराया गया है जिसका उत्पादन राज्य के बीज गुणन प्रक्षेत्रों में कराया जा रहा है। इससे ना केवल बीज की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि भविष्य में किसानों को स्थानीय स्तर बीज सुलभ हो सकेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को नवीनतम तकनीक से जोड़ने और उत्पादन की दक्षता बढ़ाने के लिए फार्मर्स फील्ड स्कूल और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। साथ ही योजना के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में एक क्लस्टर का निर्माण कर वल्यू चैन पार्टनर्स के माध्यम से योजना को लागू किया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन से राज्य में तेलहन फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, किसानों की आत्मनिर्भरता और आय में वृद्धि सुनिश्चित होगी जिससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।