पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने मंगलवार को शासन सचिवालय में डेयरी किसानों को दीपावली की सौगात देते हुए मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना की 92.41 करोड़ रुपए की अनुदान राशि उनके बैंक खातों में सीधे ही डीबीटी के माध्यम से जारी की। इससे प्रदेश के लगभग 3.25 लाख पशुपालकों को लाभ मिलेगा।
मीडिया से बातचीत करते हुए पशुपालन मंत्री ने कहा कि कि दुग्ध उत्पादकों को दूध के मूल्य का भुगतान आरसीडीएफ द्वारा किया जाता है। वहीं मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना के अंतर्गत 5 रुपए की अनुदान राशि भी दुग्ध उत्पादकों को दी जा रही है, जिससे दुग्ध उत्पादकों को दुगुना फायदा हो रहा है। इस योजना का लाभ सीधे दुग्ध उत्पादकों को उनके बैंक खातों के माध्यम से पहुंचाने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) सिस्टम द्वारा राशि हस्तांतरित की जा रही है।
दुग्ध उत्पादकों की आय में हुई वृद्धि
पशुपालन मंत्री ने कहा कि इस योजना के लागू होने से दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि हुई है, जिससे दुग्ध उत्पादक किसान पशुधन का अच्छे से पालन-पोषण कर रहे हैं। साथ ही दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि हुई है जिससे राजस्थान दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष 2024-25 के बजट में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के लिए 600 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया गया।
पशुपालक को मिला 10 हजार रुपये का अनुदान
डीबीटी के माध्यम से अनुदान राशि के वितरण के तुरंत बाद पशुपालन मंत्री ने नागौर की डेगाना तहसील के पशुपालक सहदेव दिया से फोन पर बात की। सहदेव ने खुशी जताते हुए कहा कि दो माह की अनुदान राशि 10 हजार रुपए उनके बैंक खाते में आ गई हैं और इसका मैसेज भी उन्हें मोबाइल पर प्राप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि समय पर राशि सीधे उनके बैंक खाते में आने से वे बेहद खुश हैं।
Pashu paln yojana ke liye kuch sahayata