खेती-किसानी में नई तकनीकों का उपयोग कर रहे किसानों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत सम्मानित कर पुरस्कृत किया जाता है ताकि अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा लेकर नई तकनीकों को अपना सकें। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को ई-नाम एवं ई-पेमेंट को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से लागू की गई “कृषक उपहार योजना” के तहत चयनित किसानों को नगद पुरस्कार दिया गया।
कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल ने शुक्रवार, 4 जुलाई के दिन पंत कृषि भवन मे राज्य स्तरीय ऑन-लाइन लॉटरी के माध्यम से चयनित किसानों को पुरस्कार स्वरूप चेक वितरित कर सम्मानित किया। इन किसानों को उनके राज किसान पोर्टल पर पंजीकृत ई-नाम और ई-पेमेंट आधारित विक्रय लेनदेन के आधार पर राज्य स्तरीय ऑन-लाइन लॉटरी प्रक्रिया से चयनित किया गया है।
किसान को दिया गया 2.5 लाख रुपए का पुरस्कार
योजना के तहत राज्य स्तर पर ऑनलाइन लॉटरी में 3 किसानों का चयन किया गया। जिसमें कृषि उपज मण्डी कोटा के किसान गोलू (मनजीत सिंह) को 2 लाख 50 हजार रुपए का प्रथम पुरस्कार, हनुमानगढ़ के किसान ओम प्रकाश को 1 लाख 50 हजार रुपए का द्वितीय पुरस्कार और कोटा कृषि उपज मंडी मण्डी के किसान रामभरोस को 1 लाख रुपए का तृतीय पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी द्वारा चेक वितरित कर सम्मानित किया गया। इन किसानों को उनके राज किसान पोर्टल पर पंजीकृत ई-नाम और ई-पेमेंट आधारित विक्रय लेनदेन के आधार पर राज्य स्तरीय ऑन-लाइन लॉटरी प्रक्रिया से चयनित किया गया है।
शासन सचिव ने इस अवसर पर किसानों को बधाई देते हुए कहा कि कृषक उपहार योजना न केवल किसानों को डिजिटलीकरण की ओर प्रोत्साहित करती है, बल्कि उन्हें पारदर्शिता व समय पर भुगतान का लाभ भी सुनिश्चित करती है। उन्होंने मंडी समितियों और अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़े ताकि वे इसका लाभ ले सकें।
क्या है कृषक उपहार योजना
कृषक उपहार योजना के अंतर्गत राज्य में ई-नाम पोर्टल के माध्यम से कृषि उपज का ऑनलाइन विक्रय और ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है। योजना के तहत पुरस्कार मण्डी स्तर पर प्रत्येक 6 महीने में गेट पास की विक्रय पर्चियों तथा ई-पेमेन्ट की विक्रय पर्चियों के आधार पर प्रथम पुरस्कार 25 हजार, द्वितीय 15 हजार और तृतीय 10 हजार रुपए के ईनाम दिये जाते है।
वहीं खण्ड स्तर पर प्रत्येक 6 महीने में 50 हजार रुपए, 30 हजार रुपए और 20 हजार रुपए प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार के तौर पर दिये जाते है। साथ ही राज्य स्तर पर वर्ष में एक बार प्रथम पुरस्कार 2 लाख 50 हजार, द्वितीय पुरस्कार 1 लाख 50 हजार और तृतीय पुरस्कार 1 लाख रुपए के दिये जाते है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसानों को संबंधित मंडी समिति द्वारा राशि का भुगतान किया जाता है, जिसके पश्चात मंडी समिति राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड से पुनर्भरण प्राप्त करती है।
यह योजना राज्य सरकार के डिजिटल और पारदर्शी कृषि विपणन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का अधिकतम लाभ दिलाना और उन्हें आधुनिक तकनीकों से जोड़ना है।