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बजट समीक्षा: मोदी सरकार के इस बजट में किसानों के हाथ कुछ लगा या रहा खाली

Budget review: In the Modi government's budget, farmers have some thought or left empty

बजट समीक्षा 2019: किसानों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है यह बजट

देश की 16 वें लोकसभा का बजट आ गया है | यह बजट चुनाव के पहले का अंतिम बजट है | इस बजट से उम्मीद थी की किसानों के नाम रहेगा | जैसा की सभी बजट में होता है की नई योजना शुरू की जाती रही है , उसी तरह से इस बजट में भी कुछ नई योजना शुरू की गई है | किसी भी बजट को देखने के लिए पिछले बजट से तुलना तथा किसान की वर्तमान स्थिति से करना जरुरी है | पिछले वर्ष बजट 2018-19: किसानों को क्या – क्या मिला था यह भी देखें इस बजट को भी पिछले बजट तथा किसान की वर्तमान स्थिति से तुलना करते हुये कुछ आकड़ें को आपके लिए लायें हैं जिससे यह मालूम चल सके की बजट आप के लिए कितना उपयुक्त है |

ऐसे तो सभी बजट को सत्ता पक्ष ऐतेहासिक कहती है तथा विपक्ष सिरे से ख़ारिज करती है | लेकिन बजट इन दोनों के बीच रहता है | किसान समाधान आप सभी के लिए बजट 2019 – 20 की पूरी विश्लेषण लेकर आया है |

किसानों को मिला लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा :-

वर्ष 2006 से ही किसानों की मांग रही है की सरकार फसल का 50 प्रतिशत मुनाफा दें लेकिन किसी भी सरकार ने नहीं दिया है | इस वर्ष जो सरकार की तरफ से जो दावा किया जा रहा है उसमे बहुत बड़ी खामी है | सरकार फसल के A2+FL का 50 प्रतिशत मुनाफा दे रही है | लेकिन किसान C2 का 50 प्रतिशत मुनाफा मांग रही है | यानि सरकार फसल लागत में कृषि में हुये खर्च (बीज, उर्वरक, जुताई, कटाई , मजदुर की मजदूरी इत्यादी) जिसे A2 कहते हैं और इसमें परिवार की मजदूरी जोड़ दिया जाये जिसे FL कहते हैं | दोनों को मिलाकर A2 + FL होगा इसका 50 प्रतिशत मुनाफा देने की बात सरकार कह रही है |

किसानों की यह मांग है की उसके कृषि खर्च में भूमि की किराया भी जोड़ा जाये जिसे सरकार नहीं जोड़ रही है | अगर सरकार के विभाग पर ही ध्यान देंगे तो यह मालूम चलेगा की पंजाब राज्य में गेहूं की प्रति किवंटल लागत 2458 रुपया है और सरकार 1840 रुपया दे रही है | वह भी सभी किसानों को नहीं दिया जाता है |

                   इसके आलावा भी सरकार केवल 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है , जिसमें ज्यादा तर फसलें है | इस 23 फसलों में से भी गेंहू में 30 प्रतिशत , दलहन में 6 प्रतिशत , धान में भी 33 प्रतिशत , तेलहन में भी 6 प्रतिशत किसानों को ही न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता है | दुसरे तरफ गन्ना किसानों का बकाया कई वर्षों से नहीं मिल रहा है |  इसको लेकर देश भर में किसान आज भी आंदोलनरत है | वित्त मंत्री का यह कहना की किसानों को लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा दे दिया गया है यह सिर्फ आकड़ों का खेल प्रतीत होता है और सरकार इस बात का दावा पिछले बजट से कर रही है |

किसानों के लिए प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत :-

केंद्रीय बजट की एक महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया है की किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपया / परिवार उसके बैंक खातों में दिया जायेगा | यह पैसा उन किसानों को दिया जायेगा जिसके पास 2 हैक्टेयर या उससे कम हो | यह पैसा तीन किस्तों में 2,000 – 2,000 रुपया दिया जायेगा | इससे सरकार पर 75,000 करोड़ रुपया का अतरिक्त बोझ पड़ेगा |

अब इस योजना बारीकी को समझते हैं | सरकार का यह कहना है की इस योजना से 12 करोड़ किसान लाभान्वित होगें यह सही है | लेकिन इस देश में किसानों को एक बड़ा वर्ग है जिसके पास भूमि नहीं है | वह बटाई पर खेती करता है यह लीज पर लेकर खेती करता है जो इस योजना से वंचित रह जायेगा | इस योजना में 1 एकड़ तथा 5 एकड़ वाले सभी किसानों को एक सामान 6,000 रुपया मिलेगा | जो प्रति माह 5,00 रुपया होगा और प्रति एकड़ 12,00 रुपया तथा प्रतिदिन लगभग 17 रुपया होगा | इस पैसे से बटाई दार, लीज पर खेती करने वाले किसान जो सबसे गरीब होते हैं उसे तो यह भी पैसा नहीं मिलेगा |

इससे बेहतर तो तेलंगाना ,पश्चिम बंगाल उड़ीसा सरकार है जो अपने राज्य के किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपया दिया जायेगा | कुल मिलाकर यह योजना चुनावी है | क्योंकि यह योजना 1 दिसम्बर से लागु कर दिया गया है और यह बताया जा रहा है की इस वर्ष चुनाव से पहले पैसा दे दिया जायेगा | इसके लिए  सरकार ने 20,000 करोड़ रुपया जारी कर दिया है | इससे किसान को ज्यादा खुश होने की जरुरत नहीं है |

किसानों के लोन के लिए 11.68 करोड़ रूपये जारी किया :-

पिछले वर्ष भी किसानों के लिए 11 लाख रुपये जारी किया था | लेकिन अभी तक यह नहीं मालूम चला है की इससे कितने लोगों को लाभ मिला था | इसमें एक बात बता देना चाहते हैं की कुल कृषि ऋण का 18 प्रतिशत ही किसानों को लोन मिलता है | इसमें से 13 प्रतिशत छोटे तथा सीमांत किसानों के लिए रहता है | पिछले वर्ष द वायर के RTI में आया है की किसानों को दिया जानेवाला लोन बड़े लोगों को दिया गया है | एक – एक किसानों को एक – एक करोड़ रुपया दिया गया था |

दूसरी तरफ किसान को लोन तभी मिलता है जब उस पर पहले से किसी तरह का कोई लोन नहीं होना चाहिए | हकीकत यह है की देश के ज्यादा तर किसानों पर लोन है | अभी मध्य प्रदेश की बात करें तो केवल एक राज्य में 55 लाख किसानों पर लोन है | इसलिए प्रत्येक वर्ष किसानों के लिए मिलने वाला लोन का एक बड़ा हिस्सा बड़े व्यापारियों को दिया जाता है |

किसान क्रेडिट कार्ड को पशुपालन तथा मछली पालन से जोड़ा गया है :-

पिछले वर्ष भी किसान क्रेडिट कार्ड को जोड़ा गया है लेकिन उसका क्या लाभ मिलेगा , यह नहीं बताया गया | इसलिए किसान को लाभ मिलने की संभावना कम है | इसमें एक बड़ी बात यह है की पशुपालन तथा मछली पालन किसानों को 2 प्रतिशत का ब्याज में छूट दिया जायेगा | इसके अतरिक्त समय पर लोन चुकाने वाले किसान को 3 प्रतिशत अतरिक ब्याज में छूट दिया जायेगा | लेकिन अभी देश के बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों में दूध का मूल्य 20 रुपया भी नहीं मिल रहा है | अगर किसान को दूध का सही मूल्य नहीं मिलेगा तो किसान लोन कहाँ से अदा करेगा |

राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत किया गया है :-

इस योजना के तहत किसनों को पशुपालन तथा मछली पालन के लिए 750 करोड़ रुपया जारी किया गया है | इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है की किसानों को पशुपालन में अधवा देना तथा रोजगार में वृद्धि करना है |

प्राकृतिक आपदा पर किसानों को ब्याज में छूट :-

प्राक्रतिक आपदा आने पर किसानों के द्वारा लिए गये कृषि ऋण में 2 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी दिया जायेगा | इसके आलावा तत्काल ऋण भुगतान पर 3 प्रतिशत की अतरिक सब्सिडी दिया जायेगा | एक शर्त यह है की उस जगह पर एनडीआरएफ के द्वारा सहायता पहुँचना जरूरी होगा |

अब आप ही सोंचे की जिस जगह पर किसानों की फसल पूरी तरह से नुकसान हो जायेगा उस जगह पर कर्ज कैसे चुकाया जा सकता है | जब कर्ज चुकाया नहीं जा सकता है तो फिर 3 प्रतिशत का ब्याज में सब्सिडी कैसे मिलेगी |

किसानों की महत्वपूर्ण मांगों पर एक शब्द भी नहीं है | किसानों को उम्मीद थी की सरकार उसका लोन माफ़ कर देगी | प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के नियम में सुधार किया जायेगा | लेकिन सरकार ने इन दो महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक शब्द की चर्चा भी नहीं हुई है | सिंचाई योजना के लिए बजट 26,00 करोड़ का बजट 96 प्रतिशत जिलों के लिए था | उसमें से 2181 करोड़ रुपया खर्च हुआ था | इस वर्ष 17,00 करोड़ रुपया काट दिया गया है | अब केवल कृषि सिंचाई योजना के लिए 903 करोड़ रुपया ही दिया जायेगा | जबकि देश में सिंचाई एक बहुत ही बड़ा समस्या बना हुई है |

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