आज यानि 3 मार्च के दिन बिहार सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है। बिहार सरकार की तरफ से यह बजट वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने पेश किया। इस बार बिहार राज्य का बजट आकार 3 लाख 16 हजार 895 करोड़ रुपये का हो गया है, जो पिछले वर्ष के बजट आकार से 38 हजार 169 करोड़ रुपये अधिक है। राज्य सरकार इस वर्ष सबसे अधिक खर्च शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों के निर्माण, ग्रामीण विकास के साथ ही कृषि पर करेगी।
वहीं बिहार के बजट में बड़ी घोषणाओं में अरहर, मूंग, उड़द आदि फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी, सभी अनुमंडलों एवं प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, सभी प्रखंडों में तरकारी सुधा आउटलेट, बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2025, गुड़ उत्पादन के लिए सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना, नहरों किनारे सोलर पॉवर प्लांट, बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फण्ड आदि शामिल है।
बजट में किसानों के लिए की गई अन्य घोषणाएँ
- बिहार में चतुर्थ कृषि रोड-मैप के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में कृषि के विकास हेतु बिहार मिलेट मिशन का गठन तथा आम, मशरूम, टमाटर, आलू, प्याज आदि के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा।
- राज्य के सभी 38 जिलों में जलवायु-अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत 190 गाँव को जलवायु अनुकूल मॉडल कृषि गाँव के रूप में विकसित किया जाएगा।
- इसके अलावा राज्य में पोषक अनाजों पर अनुसंधान एवं प्रसार के लिए टनकुप्पा, गया में तथा बिदुपुर, वैशाली में “पान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना की जाएगी।
- पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा (डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा) सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य के सभी 534 प्रखंडों हेतु एक-एक “मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई” की व्यवस्था की गई है।
- “समग्र गव्य विकास योजना” के तहत राज्य के सभी वर्गों के किसानों/ बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए स्वरोजगार के सृजन एवं आय में वृद्धि के लिए उन्नत नस्ल के दुधारू मवेशी/ बाछी-हिफर की डेयरी इकाई स्थापित किए जाएंगे।
- बिहार का दूध “सुधा” के विपणन केंद्रों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। कांफेड द्वारा राज्य के सभी प्रखंडों में बिक्री केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
- “मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना” के तहत अनुदान आधारित 35,000 निजी नलकूपों की स्थापना की जा रही है।