तिलहन फसलों से बनी खली
भारत में लगभग 9.75 मिलियन टन तिलहन का उत्पादन होता है | इसमें कुसुम 2.25 लाख टन तथा 7.75 लाख टन सरसों का उत्पादन होता है | सभी तरह के तिलहन से खाद्य तेल निकाला जाता है कुछ ही भाग ऐसा है जिसका उपयोग सीधे तौर पर होता है जैसे तिल, सरसों, अलसी इत्यादी का उपयोग दुसरे रूप में होता है | देश में प्रति वर्ष लगभग 250 लाख टन तिलहन मशीन में तेल निकालने के लिए पिसे जाते हैं | तिलहन से तेल निकलने के बाद लगभग 150 लाख टन खली उपलब्ध रहती है | खली में अधिक मात्रा में प्रोटीन (20 से 50 %), कार्बोहाइड्रेड (20 से 30%), और लॉन (5 से 8%) होते हैं |
तेलहन खली से लाभ
देश में लगभग 70 प्रतिशत खली पशुओं के लिए होती है | खली में पाई जाने वाली खाद्य और अखाद्य दोनों ही तरह की प्रोटीन से मुर्गी में अंडे देने की क्षमता , दुधारी पशुओं की दूध देने की क्षमता, मछली की गुणवत्ता और मांस उत्पादन में बढ़ोतरी होती है | जिस खली में पशुओं के आहार के लिए अपोशकीय तत्व हो उस खली का उपयोग जैविक खाद की तरह किया जाता है | आजकल देश में 11 प्रतिशत खली का उपयोग जैविक खाद की तरह हो रहा है | जिससे खेत में पोषक तत्व की तरह उपयोग किया जाता है | इससे नाईट्रोजन, फास्फोरस तथा प्रोटीन की पूर्ति हो जाती है |
मौजूदा समय में खली का निर्यात हो रहा है , इससे देश के किसानों को अच्छी मुनाफा मिल रहा है | वर्ष 2018 में देश ने 7022 करोड़ रूपये का खली निर्यात किया है | भारत खाध्य तेल का आयत करता है लेकिन खली का आयत नहीं करता है | सोयाबीन की खली तो खाने में भी उपयोग किया जाता है जिसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है | किसान तेल से खली निकालकर बेचने से तेलहन की खेती का लागत निकाल लेता है |
किसान कैसे ले लाभ
आज सरसों , अलसी तथा तोरई की खली का मूल्य 40 रु प्रति किलोग्राम होता है, अगर एक किवंटल तिलहन से तेल निकाला जाता है तो तेल 35 से 40 प्रतिशत तक होता है बचे हुये भाग खली के रूप में रहता है | जिसका वजन 60 से 65 किलोग्राम तक रहता है | अगर किसान इस खली को बाजार में बेचता है तो उसे 2400 रु. से 2800 रु. तक बचत कर सकता है | खली के लिए बाजार स्थानीय स्तर पर ही मिल जाता है ज्यादा तरह पशुपालक इसे खरीद लेते हैं |
खली का उपयोग पशु के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है | इसमें प्रोटीन फास्फोरस, कर्बोहाईड्रेड, वसा इत्यादी पाया जाता है | यह सभी तोल्हन में मात्रा अलग – अलग रहता है | इसलिए आप सभी के लिए किसान संधान सभी तिलहन के खली में पायी जानेवाली तत्व की जानकारी लेकर आय है |
तेलहन फसलों से कैसे बनायें खली
मूंगफली –
- कच्चा प्रोटीन – 48 प्रतिशत
- कैल्सियम – 0.2 प्रतिशत
- फास्फोरस – 0.6 प्रतिशत
- मैग्नेशियम – 0.1 प्रतिशत
- मैगनीज – 0,03 प्रतिशत
तिल
- कच्चा प्रोटीन – 40 प्रतिशत
- कैल्सियम – 2.0 प्रतिशत
- फास्फोरस – 1.3 प्रतिशत
- मैग्नेशियम – 0.0 प्रतिशत
- मैगनीज – 0.05 प्रतिशत
सूरजमुखी
- कच्चा प्रोटीन – 37 प्रतिशत
- कैल्सियम – 0.5 प्रतिशत
- फास्फोरस – 0.5 प्रतिशत
- मैग्नेशियम – 0.0 प्रतिशत
- मैगनीज – 0.02 प्रतिशत
सोयाबीन
- कच्चा प्रोटीन – 59 प्रतिशत
- कैल्सियम – 0.3 प्रतिशत
- फास्फोरस – 0.7 प्रतिशत
- मैग्नेशियम – 0.3 प्रतिशत
- मैगनीज – 0.03 प्रतिशत
सरसों, तोरिया
- कच्चा प्रोटीन – 42 प्रतिशत
- कैल्सियम – 0.6 प्रतिशत
- फास्फोरस – 1.4 प्रतिशत
- मैग्नेशियम – 0.6 प्रतिशत
- मैगनीज – 0.05 प्रतिशत
कुसुम
- कच्चा प्रोटीन – 26 प्रतिशत
- कैल्सियम – 0.3 प्रतिशत
- फास्फोरस – 0.6 प्रतिशत
- मैग्नेशियम – 0.0 प्रतिशत
- मैगनीज – 0.0 प्रतिशत