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शुक्रवार, अप्रैल 19, 2024
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बागवानी महोत्सव में 400 से अधिक किसानों को दिए गए पुरस्कार

बागवानी किसानों को पुरस्कार

फल, फूल एवं सब्जी आदि बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार प्रत्येक वर्ष बागवानी महोत्सव का आयोजन करती है | इसके तहत राज्य में उत्पादित सभी प्रकार की बागवानी फसलों की प्रदर्शनी लगाई जाती है, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इनके विषय में जागरूक कर प्रोत्साहित किया जा सके। इस प्रदर्शनी में राज्य के किसान निःशुल्क भाग ले सकते हैं एवं चयनित किसानों को सरकार द्वारा ईनाम दिया जाता है।

इस वर्ष भी राज्य के पटना जिले में बागवानी महोत्सव–सह–प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था| 2 दिवसीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए राज्य के हजारों प्रतिभागीयों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया था | 26 एवं 27 फरवरी,2022 को आयोजित किए गए इस बागवानी महोत्सव–सह–प्रतियोगिता में सैंकड़ों किसानों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

कितने किसानों ने आवेदन किये थे ?

कृषि विभाग के सचिव डॉ. एन.सरवण कुमार ने कहा कि 854 कृषकों/गार्डनर/पुष्प प्रेमियों के द्वारा ऑनलाइन पंजीयन कराया गया था | इस बागवानी महोत्सव में कुल 18 वर्ग चिन्हित किये गये थे | इन सभी वर्गों के लिए कुल 6,860 प्रादर्शों का प्रदर्शन किया गया | पटना के वीर कुवर सिंह पार्क में आयोजित इस महोत्सव में 10,000 किसानों एवं आमजनों द्वारा इस दो दिवसीय महोत्सव का भ्रमण किया गया।

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कितने किसानों को पुरस्कार दिया गया ?

सभी वर्गों के लिए प्रतिभागी के प्रदर्शन को देखने के लिए वैज्ञानिकों की कमिटी द्वारा की गई एवं प्रत्येक वर्ग के प्रत्येक शाखा में तीन उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कृषकों एवं कलाकारों को पुरस्कृत किया गया है| विजेता के लिए चयनित 144 प्रतिभागियों को प्रथम, 133 प्रतिभागियों को द्वितीय एवं 144 प्रतिभागियों को तृतीय अर्थात कुल 431 चयनित प्रतिभागियों को प्रमाण–पत्र के साथ क्रमश: 5,000 रूपये, 4,000 रूपये एवं 3,000 रूपये पारितोषिक दिया गया तथा विभिन्न श्रेणियों में 37 पुरस्कार पाने वाले श्री पवन कुमार सर्राफ को बागवानी महोत्सव में आयोजित प्रतियोगिता से सर्वश्रेठ बागवान घोषित किया गया एवं उन्हें प्रमाण–पत्र, मोमेंटो के साथ 10,000 रूपये का विशिष्ट पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया |

इन फसलों की हुई खूब बिक्री

इस वर्ष बागवानी महोत्सव–सह प्रतियोगिता में फसलों की प्रदर्शनी के अलावा विभिन्न प्रकार के फसलों का बीज भी बेचे गए हैं| सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस, चंडी द्वारा उत्पादित उच्च गुणवत्तापूर्ण विभिन्न सब्जियों (खीरा, नेनुआ, झींगा, करेला, कददू, खरबुज, तरबुज, मिर्च,बैंगन इत्यादि) के 10,000 बीचडा की बिक्री इस महोत्सव में की गई है| साथ ही सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस, देसरी में उत्पादित आम, लीची, कागजी नींबु के हजारों पौध सामग्री की भी बिक्री की गई |

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दोनों सेंटरों में उपजाए गये विदेशी सब्जियों एवं फलों यथा हरा, पीला लाल शिमला मिर्च, पीला पर्पल तथा सफेद फूलगोभी, बीज रहित खीरा, लेट्युस, चेरी टमाटर, स्ट्राबेरी की भी बिक्री की गयी | कुल मिलाकर दोनों सेंटरों द्वारा दो दिनों में 60,000 रूपये के पौध सामग्री की बिक्री की गई |

राज्य में सेब उत्पादन के लिए दिया जा रहा है प्रशिक्षण

बिहार में अब सेब की खेती भी की जा रही है इसके लिए राज्य के उधानिकी निदेशालय द्वारा किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके अलावा किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए उपयुक्त प्रजाति के पौधे का वितरण भी किया गया है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के सेब के प्रसिद्ध किसान श्री हरिमन शर्मा द्वारा इस महोत्सव में किसानों को सेब की खेती करने हेतु प्रशिक्षण भी दिया गया है।

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