फार्म गेट ऐप को मिला अवार्ड
देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं कृषि क्षेत्र को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार द्वारा कृषि में नई तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा फार्म गेट एंड्राइड मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। इस ऐप की मदद से किसान अपनी मर्जी के अनुसार अपनी उपज को अपने घर, खलिहान, गोदाम से बेच सकते हैं। अभी हाल ही में सरकार द्वारा तैयार किए गए इस ऐप को 20वाँ सीएसआई-एसआईजी ई-गर्वेनेंस अवार्ड-2022 प्रदान किया गया है।
मध्यप्रदेश को कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा राज्य सरकारों की प्रोजेक्ट केटेगरी में फॉर्म गेट एप के लिए 20वाँ सीएसआई-एसआईजी ई-गर्वेनेंस अवार्ड-2022 प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को फार्म गेट एप के लिये अवार्ड मिलने पर किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल और कृषि विभाग को शुभकामनाएँ दी।
क्या है फार्म गेट ऐप
यह एप एंड्रॉयड बेस्ड एप्लीकेशन है। इसे किसान अपने एंड्राइड मोबाइल पर निःशुल्क डाउनलोड कर सकते है। इससे किसान अपनी मर्जी अनुसार अपनी उपज को अपने घर, खलिहान, गोदाम आदि से आसानी से बेच सकते हैं। इस ऐप की मदद से किसानों को अपनी उपज मंडी में लाकर विक्रय करने के साथ-साथ अपने घर बैठे अपनी उपज अपने दाम पर बेचने की आजादी मिली है। मध्यप्रदेश ऐसा करने वाला देश में इकलौता राज्य है। उक्त प्रणाली को भारत सरकार द्वारा बहुत सराहा गया है।
राज्य की सभी मंडियों में हो रहा है ऐप का उपयोग
मध्यप्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों में संचालित एम.पी. फार्मगेट एप प्रदेश की 8 मंडियों भोपाल‚ हरदा‚ इंदौर‚ देवास‚ गुना‚ सागर‚ जबलपुर एवं सतना में 1 अगस्त, 2022 से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एंड्राइड एप के माध्यम से प्रारंभ किया गया था। साथ ही दिनांक 27 सितंबर, 2022 से उज्जैन मंडी को पायलट योजना में शामिल किया गया है। एम.पी. फार्म गेट एप का मध्यप्रदेश की समस्त 259 कृषि उपज मंडी समितियों में संचालन किया जा रहा है।
12 हजार से अधिक किसानों ने ऐप की मदद से बेची अपनी उपज
एमपी फार्म गेट एप का उपयोग कर 12,981 किसानों द्वारा 64 लाख क्विंटल विभिन्न कृषि उपज बेची गई है। फार्म गेट से किसानों से सीधा क्रय‚ पूर्व में सौदा पत्रक पोर्टल के माध्यम से अप्रैल 2021 से किया गया है। वर्तमान तक कुल 91 लाख टन विभिन्न कृषि उपजों के सौदे हुए हैं। धीरे-धीरे इस एप का प्रयोग ज्यादातर किसानों द्वारा किया जाने लगा है। अब तक इस एप का उपयोग कर मंडी प्रांगण में 16 प्रतिशत तक की आबक हो चुकी है।