444 लाख हेक्टेयर खेतों की सिंचाई के लिए अर्जुन नहर
गिरते हुये जल स्तर तथा कृषि के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध नहीं होने के कारण उत्पादन पर असर पड़ना शुरू हो गया है | इस वर्ष कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सुखा घोषित किया गया है | इसका मतलब यह साफ है कि भारत कि कृषि आज भी वर्षा पर निर्भर है | एक तरफ कम बारिश के कारण देश के अलग –अलग जिले सुखा घोषित हो रहे हैं तो दूसरी तरफ अधिक बारिश वाले जिले में अधिक वर्षा के कारण बाढ़ आ रहे हैं | किसानों को नुकसान दोनों ही परिस्थिति से हो रहा है |
इसी को ध्यान में रखते हुये कृषि के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराने तथा भूमि जल का स्तर बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अर्जुन सहायक परियोजना कि शुरुआत वर्ष 2010 में की गई थी, लेकिन किसानों से भूमि अधिग्रहण में आ रही परेशानियों के कारण परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई है |
राज्य सरकार का दावा है कि इस परियोजना को दिसम्बर 2019 तक पूरा कर लिया जायेगा | इस परियोजना के पूरा होने से राज्य के हमीरपुर, महोबा एवं बाँदा जनपद के किसान लाभान्वित होंगे | अर्जुन नहर परियोजना से इन जिलों के 444 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता में बढ़ोतरी होगी | फ़िलहाल 222 लाख हेक्टेयर भूमि कि सिंचाई क्षमता सिरजित हो चुका है |
अर्जुन परियोजना से जुड़े कुछ तथ्य
योजना कि शुरुआत वर्ष 2010 में की गई थी | इस नहर को केंद्र तथा राज्य सरकार की सहायता से निर्माण किया जा रहा है | इसमें 90 प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार तथा 10 प्रतिशत पैसा राज्य सरकार का है | 100 मीटर चौड़ी नहर के लिए 2150 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण किया गया था | जिसमें से 1600 हेक्टेयर भूमि नहर खुदाई के लिए लिया गया था | किसानों को भूमि अधिग्रहण करने पर 2.76 लाख रुपया दिया जा रहा था | लेकिन किसानों के लगातार विरोध के कारण राज्य सरकार ने सर्किल रेट अलग से दिया गया है |
इस नहर से बुन्देलखंड का सूखे से निपटने में सहायता करेगी | इस नहर का इंतजार किसान लम्बे समय से कर रहे थे | लेकिन भूमि अधिग्रह में देरी के कारण नहर में भी देर होगया है | अब राज्य सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसी तरह दिसम्बर 2019 तक नहर को शुरू कर दिया जाएगा |