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मंगलवार, अप्रैल 16, 2024
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कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास योजना को मिली मंजूरी, युवाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण

युवाओं को कृषि यंत्रीकरण के लिए प्रशिक्षण

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन एवं कृषि क्षेत्र में यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को कृषि यंत्र सुधारने, चलाने आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने मंत्रि-परिषद की बैठक में कृषि यंत्रीकरण क्षेत्र में “कौशल विकास योजना” को स्वीकृति दे दी है। वहीं मंत्री परिषद की बैठक में पन्ना में नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना है। कृषि यंत्रीकरण में प्रशिक्षण से जहां युवा स्वरोजगार स्थापित करने में सक्षम होंगे। वहीं किसानों को भी आसानी से कृषि यंत्र मिल सकेंगे। सरकार ने योजना के लिए 22 करोड़ 73 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

6 हजार युवाओं को दिया जाएगा कृषि यंत्रीकरण के लिए प्रशिक्षण

मंत्रि-परिषद द्वारा कृषि यंत्रीकरण क्षेत्र में “कौशल विकास योजना” को स्वीकृति प्रदान की गई। योजना में कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में स्थापित हो रहे ड्रोन स्कूल में 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त 3 वर्ष में 6 हजार युवाओं को वृहद कृषि यंत्रों को चलाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे उन्हें स्व-रोजगार स्थापित करने में सहायता मिलेगी। इसके लिये 22 करोड़ 73 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसका उद्देश्य प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना है।

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पन्ना में स्थापित किया जाएगा कृषि विश्वविद्यालय

बैठक में मंत्रि-परिषद ने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत जिला पन्ना में नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी। इसकी स्थापना के लिये 3 वर्षों के लिये अनावर्ती व्यय 51 करोड़ 90 लाख 35 हजार रूपये तथा आवृर्ती व्यय 31 करोड़ 20 लाख 80 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई।

चेंटीखेड़ा वृहद् सिंचाई परियोजना को मिली मंजूरी

मंत्रि-परिषद द्वारा श्योपुर जिले की चेंटीखेड़ा वृहद सिंचाई परियोजना लागत राशि 539 करोड़ रूपये सैच्य क्षेत्र 15 हजार 300 हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। परियोजना से सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से विजयपुर विकासखण्ड के 16 ग्रामों का 11 हजार 118 हेक्टेयर क्षेत्र तथा सबलगढ़ विकासखण्ड के 16 ग्रामों की 4 हजार 112 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा।

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