back to top
मंगलवार, अप्रैल 23, 2024
होमकिसान समाचारमछली पालन के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आवेदन करें

मछली पालन के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आवेदन करें

मत्स्य पालन के लिए प्रशिक्षण हेतु आवेदन

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन एवं किसानों की आय की आय में वृद्धि के लिए सरकार द्वारा परंपरागत खेती के अलावा पशुपालन, मछली पालन एवं बागवानी को बढ़ावा दे रही है | इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं साथ ही इच्छुक व्यक्तियों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है | बिहार राज्य में मछली पालन को बढ़ावा देने एवं राज्य में उत्पादकता बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने राज्य के इच्छुक व्यक्तियों से प्रशिक्षण हेतु आवेदन आमंत्रित किए हैं |

सरकार द्वारा मछली पालकों को मत्स्य पालन की नई तकनीक के प्रशिक्षण हेतु राज्य में एवं राज्य के बाहर दोनों जगहों पर प्रशिक्षण दिलाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं | यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क है | प्रशिक्षण योजना का लाभ लेकर मछली उत्पादन में गुणात्मक वृद्धि एवं आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं |

मत्स्य पालन के इन विषयों पर दिया जाएगा प्रशिक्षण

राज्य में मछली पालन को बढ़ावा देने एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा राज्य के मछली पालकों को बायोफ्लॉक तकनीक से मत्स्य पालन, मत्स्य बीज हैचरी का कुशल संचालन एवं प्रबंधन, अलंकारी मछलियों का पालन एवं प्रबंधन, एक्वेरियम निर्माण की तकनीक, एक्वेरियम में मछलियों का रख–रखाव एवं प्रबंधन, रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम आदि विषयों पर दिया जाएगा |

यह भी पढ़ें   जुलाई महीने में मक्का की खेती करने वाले किसान करें यह काम, मिलेगी भरपूर पैदावार

मछली पालन हेतु प्रशिक्षण (Training) कहाँ दिया जायेगा ?

मत्स्य पालकों को मछली पालने के संबंध में राज्य के अंदर तथा राज्य से बाहर प्रशिक्षण दिए जाने की योजना है | प्रशिक्षण के लिए संस्थान का चयन कर लिया गया है |

राज्य के अंतर्गत मछली पालन के लिए किसान यहाँ प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे:-
  • मत्स्य प्रशिक्षण एवं प्रसार केंद्र, मीठापुर पटना,
  • आई.सी.ए.आर. पटना केंद्र,
  • कॉलेज ऑफ़ फिशरीज, ढोली मुजफ्फरपुर,
  • कॉलेज ऑफ़ फिशरीज किशनगंज |
राज्य के बाहर यहाँ पर प्रशिक्षण दिया जाएगा  
  • केन्द्रीय मत्स्यिकी शिक्षा संस्थान, (काकीनाडा),
  • केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान साल्टेक,(कोलकाता),
  • केन्द्रीय अंतरस्थलीय मात्सियकी अनुसंधान संस्थान बैरकपुर, (कोलकता),
  • केन्द्रीय मात्सियकी शिक्षा संस्थान, (पावरखेडा),
  • कॉलेज ऑफ़ फिशरीज पंतनगर,
  • केन्द्रीय मिठाजल जीवनयापन अनुसंधान संस्थान कौशल्यागंगा, (भुवनेश्वर) |

प्रशिक्षणार्थियों को क्या-क्या सुविधाएँ दी जाएँगी ?

योजना के तहत राज्य तथा राज्य के बाहर नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है | इसके अंतर्गत प्रशिक्षण हेतु बस/रेलगाड़ी का किराया, प्रशिक्षण शुल्क, आवासन, भोजन आदि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा | राज्य के बाहर प्रशिक्षण हेतु मार्ग व्यय भी देय है |

प्रशिक्षण के लिए चयन हेतु पात्रता

बिहार के मत्स्यपालक के लिए राज्य के अंदर तथा राज्य के बाहर प्रशिक्षण दिया जाना है | इसके लिए राज्य के निजी/ सरकारी जलकर / तालाब में मत्स्य पालन करने वाले मत्स्य कृषक / मछुआ, मत्स्यपालक मात्स्यिकी विकास के विभिन्न अवयव / योजनाओं के लाभुक / आवेदक / मात्स्यिकी से जुड़े व्यवसायी पात्र हैं | इसके अलावा प्रखंड स्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सक्रिय सदस्य योजना का लाभ उठा सकते हैं |

यह भी पढ़ें   यदि आपके यहाँ भी है पुराना पेड़ तो सरकार देगी आपको पेंशन, बस यहाँ करना होगा आवेदन

मछली पालन हेतु प्रशिक्षण प्राप्त हेतु आवेदन कहाँ करें ?

यह योजना बिहार के मछली पालन विभाग के द्वारा चलाई जा रही है अतः इच्छुक व्यक्ति अपने प्रखंड या जिले के मछली विभाग से सम्पर्क कर योजना के विषय में अधिक जानकारी ले सकते हैं | इसके अलावा http://fisheries.ahdbihar.in/ पोर्टल भी जानकारी देख सकते हैं | इच्छुक व्यक्ति मत्स्य निदेशालय बिहार के टोल फ्री नंबर 1800-345-6185 पर भी कॉल कर सकते हैं | मत्स्य पालकों / मछुओं के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण के लिए आवेदन शुरू किए जा चुके हैं, इच्छुक व्यक्ति योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन 09/11/2021 तक कर सकते हैं |

मछली पालन हेतु प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें  

3 टिप्पणी

  1. कृपया सरकार से गुजारिश है कि मेरे जैसे नवजवान को मछली पालन की शिक्षा दीजिये क्योंकि हमको सरकार की इस योजना के बारे में नही पता था इस लिए मैं इस योजना से चूक गया कृपया हमको भी एक मौका दिजीए जिससे मैं अपनी ग़रीबी दूर कर सकू

    • इसके लिए आप अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र या मछली पालन विभाग से सम्पर्क करें। वहाँ समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें

डाउनलोड एप