शाकभाजी (सब्जियों) की खेती पर अनुदान हेतु आवेदन
किसानों की आमदनी दुगना करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर कई योजना चलाई जा रही है उसका नाम है उनमें से एक है “राष्ट्रीय कृषि विकास योजना” | इस योजना के तहत अलग–अलग राज्यों में जिले के अनुसार वहां की परिस्थिति के अनुसार बाँट कर उस क्षेत्र का विकास किया जा रहा है | इसके लिए केंद्र सरकार राज्य के साथ मिलकर अलग-अलग सब्जियों की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है |
इसी के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए संकर प्रजाति के शाक सब्जी विकास के लिए “एकीकृत बागवानी विकास मिशन” शुरू किया है | यह योजना पहले से ही राज्य के 45 जनपदों में संचालित हो रही थी जो अब 30 अन्य जनपदों में भी संचालित होगी | इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान आवेदन कर सकते हैं | किसान समाधान इस योजना के लाभ के लिए पूरी जानकारी लेकर आया है |
शाकभाजी सब्सिडी योजना में किन जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं ?
उत्तर प्रदेश के उधान विभाग के निदेशक ने बताया कि जिन 30 जनपदों में योजना संचालित हो रही है | वे क्रमश: गौतमबुद्ध नगर, बागपत, शामली, हापुड़, अमरोहा, बिजनौर, सम्भल, पीलीभीत, एटा, शहजाहांपुर, बदायूं, कासगंज, अलीगढ, फिरोजाबाद, औरैया, कानपूर देहात, फतेहपुर, हरदोई, लखीमपुरखीरी, आंबेडकर नगर, अमेठी, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, चन्दौली, आजमगढ़, मऊ, देवरिया एवं रामपुर है | इसके पहले शे राज्य में के 45 जनपदों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना चल रही थी शेष के जनपदों में शुरू कर दिया गया है |
किन सब्जियों की खेती पर अनुदान दिया जायेगा?
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2019 – 20 के रबी मौसम में शाकभाजी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संकर शिमला मिर्च, संकर टमाटर, संकर पत्ता गोभी, संकर गोभी, लतावर्गीय सब्जियां एवं परवल को शामिल किया गया हैं | परम्परागत शाकभाजी की तुलना में संकर शाकभाजी की प्रति इकाई में दो से ढाई गुना अधिक उत्पादन होता है |
किसानों को कितनी सब्सिडी दी जायगी ?
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उत्तर प्रदेश के किसानों को शाक सब्जी के लिए सब्सिडी दिया जा रहा है | इसके लिए राज्य तथा केंद्र सरकार के सहयोग से लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है जो अधिकतम 20,000 रुपये प्रति हैक्टेयर की दर से सब्सिडी दी जाएगी|
- मसाला उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु मिर्च, प्याज, लहसुन, हल्दी एवं धनिया के क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने हेतु इकाई लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 12,000 रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जा रहा है | पुष्प विकास हेतु गेंदा, ग्लेडियोलस, रजनीगन्धा तथा मधुमक्खी पर अनुदान दिया जा रहा है |
- मिर्च तथा लहसुन की लागत प्रति हैक्टेयर 30 हजार रुपये तय किया गया है | इसलिए 30 हजार का 40 प्रतिशत दिया जायेगा जो 12 हजार रुपया प्रति हैक्टेयर होता है |
- गेंदा तथा देशी गुलाब कि खेती के लिए लागत 40 हजार रुपया प्रति हेकटेयर तय किया गया है इसका 40 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा जो अधकतम 16 हजार रुपया प्रति हैक्टेयर होता है |
- वहीं ग्लेडियोलस की खेती के लिए 1.5 लाख रुपया प्रति हैक्टेयर तय किया गया है इस पर 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जायेगा जो रूपये में अधिकतम 60 हजार रुपया प्रति हैक्टेयर होता है |
- रजनीगन्धा, गुलाब कि खेती पर 1 लाख रुपया प्रति हैक्टेयर तय किया गया है | इस पर 40 प्रतिशत का सब्सिडी दिया जायेगा जो रूपये में अधिकतम 40 हजार रुपया प्रति हैक्टेयर होता है |
सब्सिडी के लिए किसान आवेदन कैसे करें ?
यह योजना पूरी तरह से आनलाईन है , योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु किसान को किसान सेवा पोर्टल upagriculture.com पर अपना पंजीकरण कराते हुये आनलाईन आवेदन करना अनिवार्य है | जिसके आधार पर प्रथम आवक, प्रथम पावक के अनुसार चयन की व्यवस्था लागु की गई है | कृषक द्वारा योजना के अंतर्गत चयनित फसल का रोपण करने के उपरान्त उसके अनुदान की राशि आनलाईन उपलब्ध कराये गए बैंक खाते में सीधे कोषागार से डी.बी.टी. के माध्यम से अन्तरित किये जाने की व्यवस्था है |
विशेष जानकारी हेतु जनपद उधान अधिकारी / मण्डलीय up निदेशक, उधान से सम्पर्क स्थापित कर अधिकाधिक लाभ उठा सकते हैं |