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शनिवार, अप्रैल 20, 2024
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लौकी के अधिक उत्पादन के लिए लगायें उन्नत किस्म बीआरबीजी–65

लौकी की उन्नत किस्म

बिहार कृषि विश्वविध्यालय सबौर, भागलपुर के वैज्ञानिक ने छोटे परिवारों को ध्यान में रखते हुए लौकी की नई किस्म बीआरबीजी–65 विकसित की है | यह किस्म बिहार के लिए उपयुक्त पाई गई है | साथ ही इसकी खेती वर्ष भर की जा सकती है | इसके फलों की लंबाई 32 से 35 से.मी. और वजन 800 ग्राम से एक कि.ग्रा. तक होता है | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है

लौकी बीआरबीजी–65 किस्म की खेती कब करें

बीआरबीजी–65 लौकी गर्मी, बरसात और अगेती शरद तीनों मौसम के लिए उपयुक्त है | बीएयू के वैज्ञानिक ने इसके फल उच्च गुणवत्तायुक्त होने का दावा किया है | वैज्ञानिकों के अनुसार किसान वर्ष भर इसकी खेती कर अपनी आय दोगनी कर सकते हैं |

लौकी बीआरबीजी65 किस्म की आकर तथा वजन

यहाँ के वैज्ञानिक के अनुसार बीआरबीजी–65 का फल देखने में बहुत खूबसूरत, छोटे और एक समान रूप से बेलनाकार होता है | लंबाई 32 से 35 से.मी. और फलों का औसत वजन 800 ग्राम से एक कि.ग्रा. तक होता है | इसका बीज देर से बनने के कारण इसकी की तीन दिन अधिक खेतों में रखकर की जा सकती है ताकि किसानों को बाजार भाव का उतार–चढ़ाव भी न झेलना पड़े |

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उपज कितनी है ?

बीएयू के वैज्ञानिकों ने नई किस्म की लौकी की औसत उपज 540 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होने का दवा किया है, जो एनी किस्मों की अपेक्षा बहुत ज्यादा है | इसकी खेती बरसात के मौसम में भी झालरी व पंडाल पद्धति से की जा सकती है | आर्थिक विश्लेषण के आधार पर पाया गया है कि यदि कोई किसान इस किस्म की लौकी की खेती करता है तो एक रूपये औसत लागत पर चार माह में 2.25 रूपये शुद्ध आमदनी प्राप्त कर सकता है |

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