देश में अभी गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और गर्मी में लू का प्रकोप भी जल्द ही शुरू हो जाएगा। ऐसे में पशुओं को लू से बचाना बहुत जरूरी है वरना पशुधन बीमार पड़ सकता है। जिसको देखते हुए राजस्थान के पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने पशुओं को लू और तापघात से बचाने के लिए सलाह जारी की है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक परिवर्तनों के प्रभाव से पशुधन को स्वस्थ रखने हेतु पशुपालकों को सचेत और जागरूक करना अति आवश्यक है, ताकि पशुओं के रखरखाव पोषण एवं स्वास्थ्य रक्षा हेतु उनके द्वारा आवश्यक कदम उठाये जा सकें तथा सावधानियां बरती जा सकें।
उन्होंने कहा कि गर्मी की शुरुआत हो चुकी है आगामी महीनों में तापमान बढ़ने के साथ लू और तापघात के कारण पशुधन के स्वास्थ्य और उत्पादन क्षमता पर असर पड़ सकता है। गर्मी के कारण पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने से विभिन्न संक्रामक रोग की संभावना भी रहती है। खासकर दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन पर गर्मी का बहुत असर पड़ता है। अधिक गर्मी के कारण दुधारू पशु अक्सर जल्दी बीमार पड़ते हैं और दूध देना कम कर देते हैं। इस कारण पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
गर्मी में पशुओं का इस तरह रखें ध्यान
पशुपालन मंत्री ने पशुपालकों से अपील की है कि वे गर्मी के मौसम में अपने पशुओं का विशेष ध्यान रखें। उन्हें छायादार स्थानों पर बांधकर रखें। पशुओं को दिन में कम से कम चार बार ठंडे, शुद्ध एवं पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करें। पशुओं को सूखे चारे के साथ-साथ कुछ मात्रा में हरा चारा भी दें जिससे पशुओं में पाचन सम्बन्धित बीमारियां उत्पन्न नहीं हों। उन्होंने भारवाहक पशुओं को दोपहर में आराम देने की भी सलाह दी।
डेयरी एवं पशुपालन मंत्री ने कहा कि पशुओं में तापघात की स्थित्ति होने पर तत्काल उन्हें छायादार स्थान पर ले जाकर पूरे शरीर पर पानी डालें, सिर पर ठंडे पानी से भीगा कपड़ा बारी-बारी से रखें तथा यथाशीघ्र पशु चिकित्सक के पास ले जाएं। विभाग द्वारा पशुओं की देख भाल को लेकर समय-समय पर निर्देश जारी किए जाते हैं, पशुपालक उन निर्देशों का पालन करें।
विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने सभी जिला पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में पशुधन के लू और तापघात से बचाव के लिए विशेष प्रयास करें, पशुपालकों को जागरूक करें और सभी उपयोगी जानकारियों को विभिन्न प्रचार माध्यमों से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।