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शुक्रवार, अप्रैल 19, 2024
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पशुपालक किसान रहें सावधान, अभी पशुओं में तेज़ी से फैल रही है यह जानलेवा बीमारी

पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज

बारिश के मौसम में पशुओं को बहुत से संक्रामक रोग लगते हैं, जो काफ़ी तेज़ी से फैलते हैं। इनमें से कई रोगों का टीकाकरण सरकार द्वारा निःशुल्क पशुओं को लगाया जाता है, जिससे इन रोगों पर आसानी नियंत्रण पाया जा सकता है। पर कुछ रोग ऐसे भी हैं जिनके लिए अभी तक टीका नहीं बना है, ऐसे में यह रोग तेज़ी से फैलते हैं जिससे पशुपालक किसानों को काफ़ी नुकसान होता है। अभी एक ऐसा ही रोग देश के कई राज्यों में देखने को मिला है जो बहुत तेज़ी से फैल रहा है। जिसमें राजस्थान सहित तमिलनाडु, ओड़िशा, कर्नाटक, गुजरात, केरल, असम, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्य शामिल है। इस रोग का नाम है लम्पी स्किन डिजीज 

राजस्थान के जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, जोधपुर, नागौर एवं बीकानेर जिलों में यह संक्रामक रोग गायों में तेज़ी से फैल रहा है। बीमार होने वाले पशुओं में से एक से डेढ़ प्रतिशत पशुओं की मौत हो रही है। इस परिस्थिति को देखते हुए राज्य के पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने रविवार को विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश के पश्चिमी जिलों के मवेशियों में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति एवं रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की।

लम्पी स्किन डिजीज से पशुओं की हो रही है मौत 

यह रोग अभी मुख्यतः पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, जोधपुर, नागौर,एवं बीकानेर जिलों में यह संक्रामक रोग गायों में फैल रहा है। जिसमें जोधपुर संभाग के पशुओं में इस बीमारी का प्रकोप ज्यादा है, हालांकि इसमें मृत्यु दर ज्यादा नहीं है। बीमार होने वाले पशुओं में से एक से डेढ़ प्रतिशत पशुओं की मौत हो रही है, जो काफी कमजोर और कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले हैं।

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सरकार ने पशुओं के ईलाज के लिए जारी की राशि

राजस्थान सरकार ने पशुओं के ईलाज के लिए प्रभावित प्रत्येक जिले को आपातकालीन जरूरी दवाएं खरीदने के लिए पहले ही एक-एक लाख रुपए और पॉली क्लीनिक को 50-50 हजार रुपए जारी किए गए हैं। साथ ही जिन जिलों में फंड की आवश्यकता है उन्हें अतिरिक्त राशि दी जाएगी। ज्यादा प्रभावित जिलों में स्टेट मेडिकल टीम और पड़ोसी जिलों से टीमें भेजी जाएगी। बीमारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर से नोडल अधिकारी भेजे जाएंगे।

कृषि मंत्री ने इस बीमारी की रोकथाम एवं उपचार के लिए आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। साथ ही आपातकालीन परिस्थितियों में औषधियां क्रय करने के लिए आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त बजट आवंटन करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों में जहां पशु चिकित्सा कार्मिकों की कमी हो तो वहां रोग से कम प्रभावित पड़ोसी जिलों से चिकित्सा दल गठित कर भेजें। इसके अतिरिक्त निदेशालय स्तर से जिले के नोडल अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर निगरानी एवं प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

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क्या है लम्पी स्किन डिजीज के लक्षण 

लम्पी स्किन डिजीज LSD या ढेलेदार त्वचा रोग एक वायरल रोग है, जो गाय-भैंसों को संक्रमित करती है। इस रोग में शरीर पर गाठें बनने लगती है, ख़ासकर सिर, गर्दन और जाननागों के आसपास। धीरे धीरे ये गाँठें बड़ी होने लगती है एवं घाव बन जाते हैं, पशुओं को तेज बुख़ार आ जाता है और दुधारू पशु दूध देना कम कर देते हैं। इस रोग से मादा पशुओं में गर्भपात भी देखने को मिलता है एवं कई बार तो पशुओं की मौत भी हो जाती है।

किसान इस तरह बचाएँ अपने पशुओं को रोग से

लम्पी स्किन डिजीज से बचाव के लिए पशु चिकित्सकों द्वारा लक्षण आधारित उपचार किया जा रहा है। साथ ही पशुपालकों को स्वस्थ पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए संक्रमित पशु को एकदम अलग बांधने, बुखार और गांठ आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त पशु चिकित्सक से सम्पर्क कर ईलाज कराने तथा अनावश्यक रूप से पशुओं का आवागमन नहीं कराने की सलाह दी गई है।

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